पराली जलाना मनुष्य जीवन के लिए खतरनाक
नाबार्ड के सहयोग से गांव बन्नावाली में पराली न जलाने संबंधी जागरूकता सैमीनार लगाया गया।
संवाद सूत्र, फाजिल्का: प्रोग्रेसिव यूथ फोर्म घोग्गा की तरफ से नाबार्ड के सहयोग से गांव बन्नावाली में पराली न जलाने संबंधी जागरूकता सेमिनार लगाया गया। इस सैमीनार में बड़ी संख्या में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए डीडीएम अश्विनी कुमार ने कहा कि पराली न जलाने वाले किसानों को सरकार की तरफ से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर खेतीबाड़ी यंत्र मुहैया करवाई जाते हैं। उन्होंने पराली सुरक्षा अभियान 2019 के पराली बचाओ, फसल बढ़ाओ के नारे के नीचे किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पराली जलाने से होने वाले बुरे प्रभावों बारे किसानों को बताया कि पराली से निकलने वाला धुआं मनुष्य शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि अगर दिन ब दिन वातावरण इसी तरह प्रदूषित होता रहा, तो भविष्य में लोगों को सांस लेने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस मौके डायरेक्टर कुलविद्र सिंह धालीवाल ने किसानों को पराली के प्रबंधन संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि किसान पराली की गांठे बनाकर बायो गैस प्लाटों को बेचकर कमाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पराली को जलाया जाता है तो उसके साथ जमीन के जरूरी तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिसके चलते जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम हो जाती है। इस मौके दिलबाग सिंह, जसवंत सिंह, मेजर सिंह व अन्य उपस्थित थे।