अनीमिया व कुपोषण व एकाग्रता में कमी से होते हैं पेट में कीड़े
सोमवार को सोमवार को गांव अमरपुरा बहाववाला और किक्कर खेड़ा के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों और आंगनबाडी केंद्रों में 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई। गांव अमरपुरा बहाववाला और किक्कर खेड़ा के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों और आंगनवबाडी केंद्रों में 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई। इस मौके पर स्वास्थ्य कर्मी मनबीर सिंह ने बताया कि 1 से 2 साल के बच्चों को खाना खाने के बाद आधी गोली और 2 से 19 साल तक के बच्चों को पूरी गोली खिलाई गई।
जागरण संवाददाता, अबोहर : सोमवार को गांव अमरपुरा, बहाववाला और किक्कर खेड़ा के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों और आंगनबाडी केंद्रों में 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई। इस मौके पर स्वास्थ्य कर्मी मनबीर सिंह ने बताया कि 1 से 2 साल के बच्चों को खाना खाने के बाद आधी गोली और 2 से 19 साल तक के बच्चों को पूरी गोली खिलाई गई।
इसके अलावा जो बच्चे किसी कारणवश स्कूल या आंगनबाड़ी नहीं जाते उन्हें भी यह दवाई खिलाई गई। पेट में कीड़े होने की वजह से बच्चों में अनीमिया, कुपोषण, कमजोरी, बीमार रहना और एकाग्रता में कमी आदि की शिकायत हो सकती है। इससे बच्चे के शारीरिक, मानसिक यहां तक कि सर्वांगीण विकास की गति भी धीमी पड़ जाती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से साल में दो बार एल्बेंडाजोल दवाई खिलाई जाती है। इसके अलावा उन्होंने कृमि रोग से बचाव के लिए अपने आसपास साफ सफाई रखने, खुले में शौच न करने, साबुन से हाथ धोने, फल-सब्जियों को धो कर प्रयोग करने, खाने को ढककर रखना, नाखून साफ आदि बातों का ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि यह गोली बच्चों के साथ-साथ बड़ी आयु के व्यक्तियों के लिए भी सुरक्षित है। दवाई लेने के बाद हल्का पेट दर्द, थकावट या उलटी आ सकती है। इस मौके पर स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि आज जो बच्चे दवाई खाने से वंचित रह गए हैं उन्हें 17 फरवरी को दवाई खिलाई जाएगी।