छह माह में पूरा किया मनरेगा की दिहाड़ियों का लक्ष्य
फाजिल्का में कुछ समय के लिए बतौर एडीसी (डी) सेवाएं दे रहे सागर सेतिया ने जिले में नई छाप छोड़ी हैं।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : फाजिल्का में कुछ समय के लिए बतौर एडीसी (डी) सेवाएं दे रहे सागर सेतिया ने जिले में नई छाप छोड़ी हैं। सागर सेतिया ने पांच मई 2021 को फाजिल्का में बतौर एडीसी (डी) ज्वाइन किया था और पांच माह के कार्यकाल में मनरेगा स्टाफ की हड़ताल भी रही और उनको अपने पारिवारिक व्यस्तताओं कारण कुछ दिन की छुट्टी भी लेनी पड़ी।
उन्होंने जब फाजिल्का में कार्यभार संभाला था तो जिले में औसत रोजाना 1400 मनरेगा दिहाड़ियां हो रही थी। लेकिन उन्होंने इसको 30000 प्रति दिन तक भी पहुंचाया और अब नरमे के सीजन के चलते यह आंकड़ा 14 से 15000 के आसपास चल रहा था। सागर सेतिया ने बताया कि उन्होंने मनरेगा की मुश्किलों का अध्ययन करते पाया कि ग्राम रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक को जो गांव अलाट किए गए थे, वह बहुत दूर दूर थे और उनके लिए निगरानी के लिए एक गांव से दूसरे गांव जाना संभव ही नहीं था। इस लिए उन्होंने समीप के गांवों के समूह बना कर उन को काम दिया। इस तरह ही बुधवार का दिन निर्धारित किया जिस दिन पंचायतों फाइलें तैयार करवाकर जमा करवा सकें। इसके अलावा कहीं जाने वाले कार्यो संबंधी तकनीकी मार्गदर्शन भी किया और नतीजा प्रत्यक्ष प्रकट हो गया। इस साल जिले में 23 लाख दिहाड़ियों के लक्ष्य के मुकाबले पहले छह महीनों में ही 17 लाख दिहाड़ियों का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। फाजिल्का जिले में मनरेगा के अंतर्गत अब तक चालू वित्तीय साल के दौरान 86.25 करोड के सालाना लक्ष्य के मुकाबले 61 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।