बागों में हो रही किन्नू की भारी ड्रा¨पग
राज नरूला, अबोहर मौसम के बदलाव ने बागबानों को ¨चता में डाल दिया है। मौसम में अचानक आए बदला
राज नरूला, अबोहर
मौसम के बदलाव ने बागबानों को ¨चता में डाल दिया है। मौसम में अचानक आए बदलाव के कारण किन्नू की भारी ड्रा¨पग होने लगी है। जिससे न केवल बागबान बल्कि ठेकेदार भी परेशान होकर रह गए हैं।
ठेकेदार बंटू सेतिया, राधे श्याम व प्रकाश व राजू चराया ने बताया इस साल एक महीना पहला सर्दी पड़ने लग गई है व धुंध व स्मॉग का भी प्रभाव पड़ना शुरू हो गया। इतना ही नहीं इसके बाद बरसात हो गई जिस कारण किन्नू की भारी ड्रा¨पग होनी शुरू हो गई है। उनका कहना है कि एक एक किन्नू के बूटे के नीचे 50 से 60 किलो तक की ड्रा¨पग हो रही है, जिसने उनको ¨चता में डाल दिया है।
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1 से 2 रुपये किलो बिक रही केर
इतना ही नहीं मौसम ठंडा होने के कारण किन्नू की डिमांड भी काफी कम होकर रह गई है। लिहाजा मंडी में खरीददार नहीं है। वीरवार को अबोहर मंडी में करीब 12 सौ से 13 सौ क्विंटल हरा किन्नू व केर बिकने के लिए पहुंचा जिससे केवल 3 सौ ¨क्वटल माल ही बिक पाया। अबोहर मंडी में वीरवार को अच्छी केर गिरा हुआ हरा किन्नू 2 रुपये किलो बिका जबकि हरे किन्नू का भाव 8 से 10 रुपये किलो मुश्किल से रहा। उन्होंने बताया कि इस समय बेशक विवाह शादियों का सीजन चल रहा है लेकिन इसके बावजूद किन्नू की डिमांड नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा दुकानदार को इतने कम दाम में केर गिरा हुआ अच्छा किन्नू इतना सस्ता मिल रहा है तो वह हरा किन्नू क्यों खरीदेगा क्योंकि केर व किन्नू जूस बनाने के काम ही आ रहा है।
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18 से 20 रुपये किलो खरीद रखा है किन्नू
ठेकेदारों ने बताया कि इस समय 50 फीसदी से अधिक बाग ठेके पर चढ़ चुके हैं। ठेकेदार बंटू सेतिया, रोधे श्याम व प्रकाश व राजू चराया ने बताया कि ठेकेदारों ने किन्नू 18 से 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ठेके पर ले रखे हैं जबकि अब जहां किन्नू की भारी ड्रा¨पग हो रही है तो वहीं किन्नू का भाव भी काफी कम रह गया है लिहाजा उन्हें भारी नुकसान होने की आशंका बन गई है। उन्होंने बताया कि इस समय केर किन्नू जोकि ड्रा¨पग हो रहा है उसका भाव केवल 1 से 2 रुपये किलो चल रहा है जबकि हरा किन्नू 8 से 10 रुपये किलो चल रहा है उसका भी कोई खरीददार नहीं मिल रहा। उन्होंने बताया कि यहां से किन्नू अन्य शहरों में जाया करता था लेकिन दूसरे शहरो ंमें भी ठंड की वजह से इसकी डिमांड नहीं है।
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इस बाबत बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जसपाल ¨सह भट्टी से बात की गई तो उन्होंने ड्रा¨पग का कारण मौसम को ही बताया। उन्होंने बताया कि जिले में 29 हजार हेक्टेयर रकबे में किन्नू की पैदावार है।