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लॉकडाउन में मजदूरों के दर्द को चित्रकारी से किया पेश

देश भर के मजदूरों के दुख-दर्द को चित्रकारी के माध्यम से पेश किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 03:17 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 03:17 PM (IST)
लॉकडाउन में मजदूरों के दर्द को चित्रकारी से किया पेश

जागरण संवाददाता, अबोहर : गांव सैदांवाली निवासी कविता ने कोरोना वायरस की वैश्विक आपदा के दौरान देश भर के मजदूरों के दुख-दर्द को चित्रकारी के माध्यम से पेश किया। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण हजारों मजदूर देश के कोने-कोने में फंसे हुए थे, अधिकांश मजदूर हजारों किलोमीटर तक का सफर पैदल तय करके अपने घरों तक पहुंचने के लिए विवश थे।

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एमए फाईन आ‌र्ट्स की छात्रा कविता ने बताया कि उसने लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर ठोकर खाते हुए अपने घरों तक पहुंचने वाले मजदूरों का दर्द चित्रकारी के माध्यम से सभी के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।

कविता ने बताया कि उसने एक ऐसे मजदूर की अवस्था से प्रभावित होकर चित्रकारी की है, जिसने लॉकडाउन के दौरान हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तय करके ही अपने पैतृक गांव तक पहुंचने का निर्णय लिया। इस दौरान उक्त मजदूर अपने मासूम बच्चों को गोद में उठाए भूखे-प्यासे अपने गांव पहुंचता है।

कविता ने कहा कि ऐसे मजदूरों के लहू-लुहान हुए पांवों के निशान केवल देश की सड़कों पर ही नहीं पड़े, बल्कि भारत मां का आंचल भी लाल हो गया।


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