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भारतीय जाबांजों के सामने 90 हजार पाक सैनिकों ने डाले थे हथियार : गाबा

अबोहर पंजाबी सभ्याचार मंच ने सेना के 73वें स्थापना दिवस पर मेजर सुरेंद्र चौक पर कार्यक्रम करवाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 03:10 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 02:32 AM (IST)
भारतीय जाबांजों के सामने 90 हजार पाक सैनिकों ने डाले थे हथियार : गाबा
भारतीय जाबांजों के सामने 90 हजार पाक सैनिकों ने डाले थे हथियार : गाबा

संवाद सहयोगी, अबोहर पंजाबी सभ्याचार मंच ने सेना के 73वें स्थापना दिवस पर मेजर सुरेंद्र चौक पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि कर्नल एसपीआर गाबा थे, जबकि अध्यक्षता रिटायर्ड एसडीएम बीएल सिक्का ने की। इस अवसर पर कर्नल एसपीआर गाबा ने कहा कि सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्तां को बयान करता है। उन्होंने बताया कि सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया। बीएल सिक्का ने कहा कि देश की आजादी के बाद भारतीय सेना पांच बड़े युद्ध लड़ चुकी है, जिनमें चार पाकिस्तान के खिलाफ और एक चीन के साथ लड़ा था। देश की आजादी के बाद 1947-48 में हुए भारत-पाक युद्ध को कश्मीर युद्ध नाम से भी जाना जाता है, जिसके बाद कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। 1962 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा धोखे से थाग-ला-रिज पर भारतीय सेना पर हमला बोल दिया गया था। उस जमाने में भातीय सेना के पास स्वचालित और आधुनिक हथियार नहीं होते थे, इसलिए चीन को रणनीतिक बढ़त मिली थी। 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद 1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। 13 दिनों तक चले उस युद्ध के बाद ही पाकिस्तान के टुकड़े कर बांग्लादेश का जन्म हुआ और पाकिस्तानी जनरल नियाजी के साथ 90 हजार पाक सैनिकों ने जांबाज भारतीय सेना के समक्ष हथियार डाल दिए थे। मंच के अध्यक्ष स. गुरचरण सिंह गिल ने कहा कि सेना की भर्ती के लिए हमें आज के युवाओं को जागरूक करना चाहिए, ताकि आज के युवा आर्मी में जाएं और अपनी वीरता का लोहा मनवाए। इस अवसर पर सुभाष विज, रोमेश मिड्ढा, रमेश बजाज, रविद्र ढाका, सुभाष चंद्र, एडवोकेट रविकांत गुप्ता, शंटी रहेजा लोग मौजूद थे। सभी ने शहीद मेजर सुरेंद्र की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भेंट करते हुए महान शहीदों को याद किया। इस अवसर पर कर्नल एसपीआर गाबा को मंच द्वारा दोशाला व हार पहनाकर सम्मानित किया गया।

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