4 महीनों में 7626 लोगों ने लिया सरबत स्वास्थ्य बीमा स्कीम का लाभ
कोविड-19 के सकंट के साथ जहां पूरी दुनिया मुकाबला कर रही है वहीं इस मुश्किल दौर में भी डॉक्टर और पैरा मेडीकल स्टाफ मिशन फतेह के तहत लोगों को स्वास्थ्य सहूलियतें उपलब्ध करवाने के लिए दिन रात काम कर रहे है।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : कोविड-19 के सकंट के साथ जहां पूरी दुनिया मुकाबला कर रही है वहीं इस मुश्किल दौर में भी डॉक्टर और पैरा मेडीकल स्टाफ मिशन फतेह के तहत लोगों को स्वास्थ्य सहूलियतें उपलब्ध करवाने के लिए दिन रात काम कर रहे है। कोविड का डर भी इन योद्धाओं का हौसला नहीं तोड़ सका है। वहीं इस मुश्किल दौर में सरबत स्वास्थ्य बीमा योजना जिले के लोगों के लिए बड़ा सहारा साबित हुई है। यह बात फाजिल्का के सिविल सर्जन डॉ. चंद्र मोहन कटारिया ने कही।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के नेतृत्व व डिप्टी कमिश्नर अरविन्दपाल सिंह संधू के दिशानिर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग ने जिले में कोविड के इस दौर में 1 अप्रैल 2020 से 31 जुलाई 2020 तक के 4 महीने में 7626 लोगों को इस स्कीम के अंतर्गत मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई है। सिविल सर्जन ने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत इस समय दौरान उक्त लोगों के इलाज और सरकार द्वारा 6 करोड़, 75 लाख 61 हजार 750 रुपये खर्च किए गए हैं। इनमें से 3985 मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में किया गया जिसके लिए 2,29,96,600 रुपए खर्च हुआ है जबकि जिले के प्राईवेट अस्पतालों और राज्य के और अस्पतालों में 3641 मरीजों ने इस स्कीम के अंतर्गत इलाज करवाया और इस पर 4,46,65,150 रुपए का भुगतान किया गया।
जिला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू ने बताया कि एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग कोविड के साथ जंग लड़ रहा है। वहीं यह दूसरे रोगों के साथ पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए दिन रात काम कर रहा है। इस स्कीम के अंतर्गत ंसंदीप कौर, अजय कुमार और जगदीश और अन्य कर्मचारियों की टीम लोगों को समय पर स्कीम का लाभ लेने में मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत रजिस्टर्ड लोगों का एक साल में 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त है और व्यक्ति सरकारी और रजिस्टर्ड प्राईवेट अस्पतालों में से कहीं भी इस स्कीम के अंतर्गत अपना नगदी रहित इलाज करवा सकता है। गांव मौजम की पाशो बाई जिसका इस स्कीम के तहत सरकारी अस्पताल से आपरेशन हुआ था जब आपरेशन करवाकर अपने पैरों पर चलकर घर को लौटी तो उसकी खुशी देखने वाली थी। यह आपरेशन डॉ. विकास गांधी ने किया।