रामदास नगर वासियों ने मतदान से बनाई दूरी
गांव रामदास नगर को बीते साल शहर का हिस्सा घोषित करने के बावजूद ब्लाक समिति के चुनाव के विरोध में लोगों ने मतदान का बायकाट कर किया। पहली बार अकाली और कांग्रेसियों ने एकजुटता दिखाते हुए वोट डालने से साफ इंकार किया। गौर हो गांव रामदास नगर को जनवरी 2017 में शहर का हिस्सा बना लिया था। करीब डेढ़ साल का समय बीतने के बाद नगर को ब्लाक समिति तरखान माजरा में शामिल कर दिया गया। जिस कारण इलाका वासियों में रोष पाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : गांव रामदास नगर को बीते साल शहर का हिस्सा घोषित करने के बावजूद ब्लाक समिति के चुनाव के विरोध में लोगों ने मतदान का बायकाट कर किया। पहली बार अकाली और कांग्रेसियों ने एकजुटता दिखाते हुए वोट डालने से साफ इंकार किया। गौर हो गांव रामदास नगर को जनवरी 2017 में शहर का हिस्सा बना लिया था। करीब डेढ़ साल का समय बीतने के बाद नगर को ब्लाक समिति तरखान माजरा में शामिल कर दिया गया। जिस कारण इलाका वासियों में रोष पाया जा रहा है। इस बाबत हरबंस ¨सह, हर¨जदर ¨सह भंगू, संत राम, खेम ¨सह, पर¨मदर ¨सह पहलवान, पूर्व सरपंच जसपाल ¨सह, सर्बजीत ¨सह मक्खन, कांग्रेस के नेता गुलशल राय बॉबी, संदीप ¨सह भल्लमाजरा ने बताया कि तीन जनवरी 2017 को रामदास नगर को शहर का हिस्सा बनाया था। परंतु अब प्रशासन द्वारा ब्लाक समिति में शामिल करके लोगों को गुमराह किया गया। इस बाबत डिप्टी कमिश्नर को शिकायत भी की थी, फिर भी प्रशासन ने शिकायत को नजरंदाज करके यहां मतदान करवाने के आदेश जारी किए। इलाकावासियों की मांग है कि इस इलाके को शहर में ही रहने दिया जाए ताकि रामदास नगर का समुचित विकास हो सके। शहर में शामिल होने के बावजूद पंचायत समिति के चुनाव करवाने के विरोध में रामदास वासियों ने एकजुटता दिखाते हुए वोट न डाल कर रोष जताया।