गेहूं और धान की तरह अन्य फसलों के भाव भी तय हों : डॉ. अमर सिह
केंद्र सरकार के वर्ष 2019-20 के पेश किए आम बजट पर संसद में बहस चल रही है। बहस में हिस्सा लेते फतेहगढ़ साहिब से सांसद डॉ. अमर सिंह ने गेहूं और धान की तरह अन्य फसलों के भाव और खरीद मापदंड निर्धारित करने पर जोर दिया है।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : केंद्र सरकार के वर्ष 2019-20 के पेश किए आम बजट पर संसद में बहस चल रही है। बहस में हिस्सा लेते फतेहगढ़ साहिब से सांसद डॉ. अमर सिंह ने गेहूं और धान की तरह अन्य फसलों के भाव और खरीद मापदंड निर्धारित करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट कर्ज में फंसे किसानों और देहाती एरिया में रहने वाले लोगों की समस्याओं को दूर करने वाला नहीं है। मौजूदा समय देश में खेतीबाड़ी क्षेत्र का विकास यूपीए सरकार के समय से भी पीछे चला गया है। हम किसानों की आमदन दोगुनी करने के दावों से कोसों दूर हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी कौंसिल की तर्ज पर देश में राष्ट्रीय खेतीबाड़ी कौंसिल की स्थापना करनी चाहिए। खेतीबाड़ी और किसानों से जुड़ी समस्याओं का हल यकीनी बनाने के लिए प्रदेश सरकारों को गतिशील भूमिका यकीनी बनानी चाहिए। मौजूदा बजट में बिना भूमि किसानों और किराए पर खेत लेकर खेती करने वाले किसानों की आर्थिक सहायता के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा है, जबकि मौजूदा समय ऐसे किसानों की खेतीबाड़ी में बड़ी भूमिका है। डॉ. अमर सिंह ने कहा कि वातावरण परिवर्तनऔर हिमालय ग्लेशियर के पिघलने से पंजाब समेत उत्तर भारत के प्रदेशों को गंभीर खेतीबाड़ी दिक्कतों से जूझना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर गंभीरता से बहस करने की जरूरत है। उन्होंने पंजाब में धरती निचले पानी के दिनों दिन गिरते स्तर पर भी अपनी चिता जाहिर की और केंद्र सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की।