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मुख्यमंत्री चन्नी की कोठी का घेराव 12 को

पंजाब रोडवेज पनबस व पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने अमृतसर बस स्टैंड में लगाया धरना।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 08:45 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 08:45 PM (IST)
मुख्यमंत्री चन्नी की कोठी का घेराव 12 को
मुख्यमंत्री चन्नी की कोठी का घेराव 12 को

संवाद सहयोगी, अमृतसर :

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पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने अमृतसर बस अड्डे में दो घंटे के लिए पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर बसों के आवागमन बंद रखा। इससे यात्रियों को अधिक बसें सड़कों पर ही खड़ी मिलीं, जो बस बाहर से भी आ रही थी उसके भी यात्री सड़क पर ही उतार रहे थे।

पंजाब रोडवेज, पनबस तथा पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों की ओर से बस अड्डे के मुख्य गेट पर रोष धरना दिया। यूनियन की 14 सितंबर को किए गए फैसले को अब सरकार नए मुख्यमंत्री का बहाना लगाकर टालमटोल का रही है। 14 सितंबर की हुई बैठक में अस्थायी कर्मचारियों को 30 प्रतिशत अधिक वेतन देने की मांग, हर साल पांच प्रतिशत बढ़ोतरी, हटाए गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल करने जैसे फैसलों पर सहमति बनी थी। परंतु मैनेजमेंट फिर टालमटोल की नीति अपनाने में लग गई है। पिछले मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में आठ दिन का समय मांगा गया था जिस कारण हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था। अस्थायी कर्मचारी 27 सितंबर को किसानों की होने वाली हड़ताल में शामिल होकर रोष व्यक्त करेंगे तथा 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह का जन्मदिन जिला स्तर पर मनाने के बाद सभी वर्करों को इकट्ठा किया जाएगा। छह अक्टूबर को गेट रैलियां की जाएंगी। 11, 12 तथा 13 अक्टूबर को तीन दिवसीय हड़ताल करके सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी। इसके अलावा 12 अक्टूबर को नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर आगे पक्का धरना दिया जाएगा तथा प्रदेश स्तर की रोष रैली की जाएगी।

धरने को संबोधित करते हुए डिपो प्रधान हीरा सिंह, महासचिव बलजीत सिंह, शिवपाल सिंह ने कहा कि समूह अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने की मांग बार-बार यूनियन द्वारा की जा रही है पर सरकार टालमटोल की नीति के कारण कर्मचारियों को परेशान करने में लगी हुई है। यह कानून अस्थाई कर्मचारियों के साथ मजाक होगा। इससे सिर्फ सभी विभागों में सात हजार कर्मचारी पक्के होंगे। इस कानून का सभी मुलाजिम विरोध कर रहे हैं। केंद्र हो या राज्य सरकार सभी सरकारी विभागों को कोर्पोरेट घरानों को देने में लगी हुई है, जोकि देश के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। फ्री सफर खर्चों की भरमार, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी रोडवेज को आर्थिक तंगी की ओर धकेल रही है जिससे कर्मचारियों का भविष्य लगातार खतरे में जा रहा हैं। यात्री हुए परेशानी, 20 से अधिक रूट प्रभावित

दो घंटे जाम रहने से पनबस व पीआरटीसी की चलने वाली बस सेवा प्रभावित रही, जिस कारण यात्रियों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। वहीं प्राइवेट बस स्टैंड के बाहर सड़क से चलीं, जिस कारण सड़क पर जाम बना रहा। कई यात्रियों को दो घंटे तक बस अड्डे में ही बसों का इंतजार करना पड़ा। सरकारी बसों के 20 से अधिक रूट प्रभावित हुए।


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