नहीं चलीं छह सौ से अधिक औद्योगिक इकाइयां, हरी-भरी रही सबसे प्रदूषित लोहा नगरी
कोरोना के खिलाफ जनता कर्फ्यू के रूप में जंग ने पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। लोहा नगरी मंडी गोबिदगढ़ में जनता कर्फ्यू के दौरान छह सौ से अधिक छोटी-बड़ी सभी औद्योगिक इकाइयां बंद रहीं।
धरमिदर सिह, फतेहगढ़ साहिब : कोरोना के खिलाफ जनता कर्फ्यू के रूप में जंग ने पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। लोहा नगरी मंडी गोबिदगढ़ में जनता कर्फ्यू के दौरान छह सौ से अधिक छोटी-बड़ी सभी औद्योगिक इकाइयां बंद रहीं। और तो और शहर में कोई वाहन तक नहीं चला। इससे लोहा नगरी में रविवार को एक फीसदी भी प्रदूषण नहीं था। जिसके चलते सबसे प्रदूषित मानी जाती लोहा नगरी रविवार को हरी-भरी रही। इस प्रदूषित नगरी की शुद्ध हवा लोगों के लिए फायदेमंद रही। यहां का एक्यूआइ 61 रहा, जोकि लोहा नगरी को साल भर में कभी कभार बड़ी मुश्किल से पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और नगर कौंसिल समेत अन्य विभागों के संयुक्त अथक प्रयासों से नसीब होता है। दो सौ रोलिग मिलें और सौ के करीब हैं फर्नेंस इकाइयां
लोहा नगरी में दो सौ के करीब रोलिग मिलें और एक सौ के करीब फर्नेंस इकाइयां हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में कोयले समेत विभिन्न प्रकार के ईंधन का प्रयोग करने से लोहा नगरी का प्रदूषण स्तर इस सीमा तक पहुंच जाता है कि यहां की हवा सांस लेने के अनुकूल भी नहीं रहती। ऊपर से भीड़ होने और डीजल वाहनों के प्रयोग से एक्यूआइ बढ़ता रहता है। 4 जनवरी को था सबसे अधिक एक्यूआइ
इस वर्ष जनवरी महीने में लोहा नगरी का एक्यूआइ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लिए भी चुनौती बना रहा था। 4 जनवरी को सबसे अधिक 329 (पीएम-25) रहा था। तिथि एक्यूआई
17 मार्च 124
18 मार्च 198
19 मार्च 130
20 मार्च 96
21 मार्च 174 आत्म-समर्पण से सब कुछ संभव : एक्सईएन
पीपीसीबी के एक्सईएन विजय कुमार ने कहा कि औद्योगिक इकाइयां न चलने और यातायात बिल्कुल ठप रहने से एक्यूआइ में जमीन आसमान का अंतर होता है। ऐसा ही रविवार को देखने को मिला। बाकी आत्म समर्पण से सब कुछ संभव है। लोगों को अपने व अपने देश खातिर हर मुकाम पर इसी प्रकार समर्थन देना चाहिए।