रेल संपत्ति गबन : ट्रक ड्राइवर की जमानत याचिका खारिज
रेलवे अधिकारियों के साथ मिलकर विभाग की संपत्ति खुर्द-बुर्द कर देश के विभिन्न शहरों में बेचने वाले गिरोह के ट्रक चालक अमीर निवासी गाजियाबाद की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
संवाद सहयोगी, सरहिद : रेलवे अधिकारियों के साथ मिलकर विभाग की संपत्ति खुर्द-बुर्द कर देश के विभिन्न शहरों में बेचने वाले गिरोह के ट्रक चालक अमीर निवासी गाजियाबाद की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। वहु पुलिस गिरफ्त से बाहर है। अमीर ने आरपीएफ सरहिद में दर्ज मामले में अपने वकील के माध्यम से जिला अदालत में याचिका दायर की थी।
कोर्ट नंबर छह में जस्टिस रंजीव कुमार विशिष्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। मामले की जांच कर रहे आरपीएफ प्रभारी नवीन कुमार ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद अहम खुलासे होने की संभावना है और उसकी निशानदेही पर अन्य संपत्ति बरामद होने की भी उम्मीद है।
वहीं, वकील का कहना था कि अमीर की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। गौर हो कि फतेहगढ़ साहिब की अदालत में रितेश गोयल निवासी गाजियाबाद की जमानत भी रद्द कर दी गई थी और वह भी पुलिस गिरफ्त से अभी बाहर है। बाकी के आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
करोड़ों की संपत्ति के गबन का है मामला
गौरतलब है कि बाहरी राज्यों से करोड़ों रुपये की रेल संपत्ति के गबन के तार लोहा नगरी मंडी गोबिदगढ़ से जुड़े थे। इस रैकेट में नई दिल्ली के सीनियर सेक्शन इंजीनियर केके शर्मा, उसके रिकार्ड कीपर महेश कुमार और ठेकेदार चंद्र प्रकाश चावला को भी गिरफ्तार किया गया था। आरोपितों ने खुलासा किया था कि उन्होंने नई दिल्ली में रेलवे के स्टोर में जमा माल में से करीब 20 टन स्लाइड चेयर प्लेट्स को गाजियाबाद भेजा था।
यह है मामला
गाजियाबाद से रेलवे की स्लाइड चेयर प्लेट्स से भरा ट्रक मंडी गोबिदगढ़ पहुंचा था। ट्रक में करीब 20 टन माल था। इस माल को बेचने के लिए मंडी गोबिदगढ़ की अमन स्टील एग्रो के अमन गर्ग ने स्टालिन प्रोसेर्स प्राइवेट लिमिटेड फर्म पर भेजा था। इस फर्म के मालिक ने अमन गर्ग से कागजात मांगे थे। लेकिन कागजात न होने पर रेलवे पुलिस को सूचित कर दिया गया था। सरहिद से आरपीएफ प्रभारी इंस्पेक्टर कमलेश कुमार अपनी टीम समेत मौके पर पहुंचे थे और मिल मालिक अमन गर्ग को गिरफ्तार करते हुए ट्रक को कब्जे में लेकर बाकी आरोपितों को दिल्ली और गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। इसके बाद जांच सहारनपुर टीम को सौंपी गई थी।