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चार साल से पराली नहीं जलाई, उत्पादन के साथ बढ़ी कमाई

कृषि और किसान भलाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पराली प्रबंधन संबंधी चल रही मुहिम तहत बस्सी पठाना सब डिवीजन के गांव मीरपुर के अग्रणी किसान गुरविदर सिंह के खेत का दौरा किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 04:49 PM (IST)
चार साल से पराली नहीं जलाई, उत्पादन के साथ बढ़ी कमाई
चार साल से पराली नहीं जलाई, उत्पादन के साथ बढ़ी कमाई

संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : कृषि और किसान भलाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पराली प्रबंधन संबंधी चल रही मुहिम तहत बस्सी पठाना सब डिवीजन के गांव मीरपुर के अग्रणी किसान गुरविदर सिंह के खेत का दौरा किया। यह जानकारी मुख्य कृषि अफसर डा. सुरजीत सिंह वालिया ने दी। इस मौके पर सहायक कृषि इंजीनियर मेवा सिंह ने बताया कि इस किसान के पास अपनी 15 एकड़ जमीन है। इसमें वह पिछले चार वर्षों से बिना पराली को आग लगाए गेहूं की बीजाई करता आ रहा है। बिजाई के लिए वह रोटावेटर और हैप्पी सीडर का प्रयोग करता है।

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उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान इस गांव के किसानों द्वारा खालसा कृषि सहायता ग्रुप बनाया गया था और गुरविदर सिंह को इस ग्रुप का प्रधान बनाया। इस ग्रुप द्वारा 2018-19 में कृषि और किसान भलाई विभाग की इन सीटू स्कीम के तहत 80 फीसद सब्सिडी पर विभिन्न तरह की मशीनों की खरीद की गई थी। जोकि अब इलाके के अन्य किसानों को जायज रेट पर पराल प्रबंधन के लिए मुहैया करवाई जाती है। डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा. हरमनजीत सिंह ने बताया कि जिले के किसानों द्वारा विभिन्न कृषि मशीनरी का प्रयोग कर फसलों के अवशेषों को सही तरीके से संभाला जा रहा है। पराली को मलच के तौर पर बरत कर जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाई जा सकती है। पराली को जमीन में मिलाने से जमीन के लघु तत्व बरकरार रहते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि किसान केवल पीएयू से मंजूरी वाली किस्मों और सिफारिशों अनुसार ही खादों का प्रयोग करें ताकि खेती खर्च कम किए जा सकें।


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