Move to Jagran APP

पांच साल से फसलों के अवशेषों को नहीं लगाई आग

कृषि व किसान भलाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसानों को पराली को आग लगाने के बजाय इसे खेत में मिलाने के लिए लगातार जागरूक कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 04:45 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 04:45 PM (IST)
पांच साल से फसलों के अवशेषों को नहीं लगाई आग
पांच साल से फसलों के अवशेषों को नहीं लगाई आग

संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : कृषि व किसान भलाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसानों को पराली को आग लगाने के बजाय इसे खेत में मिलाने के लिए लगातार जागरूक कर रहे हैं। रविवार को विभागीय अधिकारियों ने अमलोह ब्लाक के गांव कंजारी के किसान रुपिंदर सिंह के खेत का दौरा किया। यह किसान सरकार की हिदायतों के अनुसार फसलों के अवशेषों की सही संभाल कर रहा है।

loksabha election banner

मुख्य कृषि अफसर डा. सुरजीत सिंह वालिया ने बताया कि इस किसान ने पिछले पांच वर्ष से फसलों के अवशेषों को आग नहीं लगाई है। यह किसान 2.5 एकड़ जमीन का मालिक है और 25 से 30 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर खेती कर रहा है।

पहले किसान रुपिंदर मलचर द्वारा या फिर बेलर से पराली की गांठे बनाकर अपने खेत में रखता था। अब किसान ने सरकार द्वारा सब्सिडी पर दी जा रही खेती मशीनरी तहत सुपर सीडर मशीन ले ली है। कृषि उप निरीक्षक रमनदीप सिंह और जूनियर टेक्नीशियन गुरिदर सिंह ने इस किसान के खेत का दौरा किया। जिस दौरान उन्होंने देखा कि उसने अपने खेत में सुपर सीडर से गेहूं की बिजाई की है।

रमनदीप सिंह ने कहा कि इस वर्ष जिले में सुपर सीडर से बिजाई करवाने के लिए किसानों का रुझान बढ़ा है। पराली को जमीन में मिलाने से जमीन के पौष्टिक तत्व बरकरार रहते है, जमीन की उपजाऊ शक्ति में बढ़ोतरी होती है और वातावरण की शुद्धता भी बनी रहती है। वहीं, किसान रुपिदर सिंह ने किसानों को अपील करते कहा कि वह पराली को आग न लगाएं, बल्कि खेतों में ही मिलाकर बिजाई करे ताकि वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.