दर्दनाक हादसे ने बुझा दिए घरों के चिराग
मंगलवार को राणा हेरिटेज के पास हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने तीन घरों के चिराग बुझा दिए।
सुखवीर सुख/दीपक सूद, सरहिद : मंगलवार को राणा हेरिटेज के पास हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने तीन घरों के चिराग बुझा दिए। हादसे में मरने वाले तीनों युवक अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। उनकी मौत पर परिजनों का विलाप देखकर हर किसी की आंख नम हो रही थी। तीनों के शव जब सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब में पोस्टमार्टम के लिए लाए गए तो वहां पहुंचे परिजनों का विलाप देखकर हर किसी की आंखों से आंसू टपकने लगे।
बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले किए जाएंगे। इन युवकों और परिजनों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि मौत उन्हें यहां खींच लाएगी। तीनों दोस्तों का आपस में इतना प्रेम था कि दिन का ज्यादातर समय इकट्ठे बिताते थे। बदकिस्मती देखो कि मौत भी तीनों को एक साथ ही मिल गई। जानकारी के अनुसार अमितोज सिंह गांव नलीना कलां से उज्ज्वल सूद के पास पहुंच गया था। तीनों स्विफ्ट कार में घूमने निकले थे। अभी वे राणा हेरिटेज से पुराना फ्लाई ओवर की तरफ जा रहे थे कि ओवरस्पीड कार पर सुखचैन का कंट्रोल नहीं रहा। सामने से आ रहे ट्रक से बचाव करते समय कार दूसरी तरफ चली गई और क्लीनर साइड ट्रक के नीचे घुस गई। कड़ी मशक्कत के बाद क्रेन की मदद से कार को निकालकर शवों को बाहर निकाला गया।
कैनेडा सेटल होना चाहते थे तीनों
तीनों दोस्त अपनी जिदगी इकट्ठे व्यतीत करना चाहते थे। तीनों ने कनाडा में सेटल होने की योजना बना रखी थी। सुखचैन व उज्ज्वल सूद आइलेट्स पास कर चुके थे। इनकी वीजा प्रक्रिया भी लॉकडाउन की वजह से लेट हो रही थी। दोनों के बाद अमितोज भी कनाडा जाने की सोच रहा था। लेकिन इससे पहले तीनों की जिदगी को हादसे ने लील लिया।
घर के पिछले गेट से मौत खींच लाई
अमितोज का गांव नलीना कलां सरहिद से थोड़ी दूर है। तीनों दोस्तों ने मंगलवार को घूमने का प्रोग्राम बना रखा था। लॉकडाउन के चलते घर वालों ने अमितोज को कहीं भी जाने से मना कर दिया था। लेकिन अमितोज दोपहर के समय परिवार से आंख बचाकर घर के पिछले गेट से सरहिद पहुंच गया था। मौत उसे हादसा स्थल तक खींच लाई।