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फतेहगढ़ साहिब में 550 से अधिक स्थानों पर जली पराली, एफआइआर मात्र एक

एक तरफ पराली जलाने को लेकर केंद्र व पंजाब दोनों ही सरकारों ने कड़ा रुख अपनाया है लेकिन फिर भी जिले में धड़ल्ले से पराली जल रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 07:02 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 06:23 AM (IST)
फतेहगढ़ साहिब में 550 से अधिक स्थानों पर जली पराली, एफआइआर मात्र एक
फतेहगढ़ साहिब में 550 से अधिक स्थानों पर जली पराली, एफआइआर मात्र एक

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब

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एक तरफ पराली जलाने को लेकर केंद्र व पंजाब दोनों ही सरकारों ने कड़ा रुख अपनाया है, लेकिन फिर भी जिले में धड़ल्ले से पराली जल रही है। जिले में 550 से अधिक जगहों पर पराली जलाई जा चुकी है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही देखो तो अभी तक मात्र एक किसान के खिलाफ ही एफआइआर दर्ज हुई है। चालान व जुर्माने की खानापूर्ति से किसानों के हौसले बुलंद किए जा रहे हैं और एक दूसरे को देख किसान पर्यावरण में जहर घोलने में जुटे हैं। जिले में बढ़ते जा रहे पराली जलाने के मामलों को लेकर जिले की प्रभारी नियुक्त की गईं आइएएस अधिकारी राजी पी श्रीवास्तवा ने शुक्रवार को खमाणों समेत कई अन्य इलाकों का दौरा कर पराली जलाने के मामलों का जायजा लिया। बेशक एडीसी (विकास) जगविदरजीत सिंह संधू ने उन्हें बताया कि अब तक 26 किसानों को 87,500 रुपये जुर्माना किया जा चुका है। लेकिन पराली जलाने का आंकड़ा खुद ही बयां कर रहे हैं कि जिला प्रशासन इसे लेकर कितना गंभीर है।

पर्यावरण को प्रदूषित करने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा : डीसी

डिप्टी कमिश्नर अमृत कौर गिल ने भी पराली जलाने के मामलों में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर एसएसपी अमनीत कौंडल से कहा गया है कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सीधे एफआइआऱ दर्ज की जाए। किसी को भी पर्यावरण प्रदूषित करने पर बख्शा न जाए। खमाणों में गिरफ्तार किया किसान

पराली जलाने के मामले में खमाणों पुलिस ने एक किसान को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान सुरिदर सिंह छिदा निवासी खमाणों के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार एएसआइ सुखवंत सिंह को सूचना मिली थी कि आरोपित ने सनसिटी खमाणों के पास अपने खेतों में पराली को आग लगाई हुई है। जिस पर डीसी के आदेशों के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया गया और जमानत पर उसे छोड़ दिया गया। सवाल यह है कि जब इस मामले में पुलिस को मुखबिर बता सकता है कि किसान ने आग लगा रखी है तो बाकी के करीब साढ़े पांच सौ मामलों में पुलिस के मुखबिर कहां थे, जो किसी किसान पर एफआइआर नहीं हो सकी।


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