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कॉपी:: कैप्टन विधायकों को झूठे केस में फंसाकर अपने नीचे रखना चाहते हैं : चीमा

पंजाब के कांग्रेसी विधायक ही अपने सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह से दुखी हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 12:42 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 12:42 AM (IST)
कॉपी:: कैप्टन विधायकों को झूठे केस में फंसाकर अपने नीचे रखना चाहते हैं : चीमा
कॉपी:: कैप्टन विधायकों को झूठे केस में फंसाकर अपने नीचे रखना चाहते हैं : चीमा

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : पंजाब के कांग्रेसी विधायक ही अपने सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह से दुखी हैं। कई विधायक सार्वजनिक तौर पर इसका खुलासा कर चुके हैं। इसलिए कैप्टन विधायकों के फोन टैप करवाकर उन्हें किसी न किसी झूठे केस में फंसाकर अपने नीचे रखना चाहते हैं।

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उक्त बातें पंजाब विधान सभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कही। चीमा विधान सभा क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब में पार्टी वर्करों के साथ बैठक करने पहुंचे थे। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ बकाया पंजाब की 4100 करोड़ रुपये जीएसटी रकम को अभी तक न लेना भी पंजाब सरकार की नाकामी करार दिया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के वित्त मंत्री की भी कोई योजना काम नहीं आई। 4100 करोड़ मामले में दोनों को मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव डालना चाहिए था। अगर वे सरकार नहीं चला सकते तो इस्तीफा देना चाहिए। रूपनगर से विधायक अमरजीत सिंह संदोआ द्वारा इस्तीफा वापस लेने पर चीमा बोले कि उन्हें भी मीडिया के माध्यम से पता चला है। फिलहाल संदोआ से पार्टी का कोई संपर्क नहीं है।

एक गुट का बहिष्कार, सुनाईं खरी-खरी

सरहिद के ब्राह्मणमाजरा में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने पहुंचे हरपाल चीमा को गुटबंदी का शिकार होना पड़ा। काफी समय से नाराज चले आ रहे एक गुट ने बैठक का बहिष्कार किया। इस पर चीमा उन्हें मनाने हमांयूपुर स्थित पार्टी नेता के घर पहुंचे। वहां कार्यकर्ताओं ने उन्हें खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि जो लोग सरेआम पार्टी का विरोध कर रहे थे, उन्हें आज पद मिले हुए हैं। जिन लोगों ने जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम किया, उन्हें किनारे लगाया हुआ है। जब ये कार्यकर्ता नहीं माने तो चीमा वहां से चले गए। गुटबंदी पर चीमा बोले कि यह परिवार की अंदरुनी लड़ाई है।


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