परंपरागत ग्रंथों को उनके समकाली समय में ही समझा जाना चाहिए : डॉ. प्रितपाल
संवाद सहयोगी फतेहगढ़ साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व यूनिवर्सिटी के श्री गुरु ग्रंथ साहिब धर्म अध्ययन विभाग द्वारा विशोष लेकचर व गोष्ठी का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व यूनिवर्सिटी के श्री गुरु ग्रंथ साहिब धर्म अध्ययन विभाग द्वारा श्री गुरु गोबिद सिंह जी के जीवन और शख्सियत विषय पर विशेष लेक्चर और विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. हरदेव सिह द्वारा संपादत कवि सुक्खा सिह की 18वीं सदीं की रचना श्री गुरबिलास पातशाही दसवीं संबंधी विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस मौके वाइस चांसलर डॉ. प्रितपाल सिह ने कहा कि श्री गुरु गोबिद सिह जी ने खालसा पंथ का सृजन बराबरता और आजादी का आदर्श स्थापित किया, जिसको समझने के लिए श्री गुरबिलास पातशाही दसवीं बहुत फायदेमंद स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि परंपरागत ग्रंथों को उनके समकाली समय में ही समझा जाना चाहिए।
वर्ल्ड पंजाबी सेंटर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के निर्देशक प्रोफेसर डॉ. बलकार सिह ने बताया कि श्री गुरु गोबिद सिंह ने खालसा सृजन असल में श्री गुरु नानक देव जी के द्वारा चलाए संकल्प का शिखर है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व यूनिवर्सिटी के प्रयासों की प्रशंसा करते उन्होंने कहा कि गुरमति के संदेश को संसार तक पहुंचाना सिख अकादमिक का फर्ज है। इस मौके डीन विद्यार्थी भलाई डॉ. सिकंदर सिह ने रिसर्च पेपर भी पेश किया। इस अवसर पर डॉ. मक्खन सिंह, डॉ. स्वराज राज, डॉ. किरनदीप कौर, डॉ. बलविदर कौर, अमनदीप कौर, स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित थे।