15 साल बाद शहीदी सभा में नई मिसाल, वीआइपी सिस्टम होगा खत्म, जारी नहीं होंगे पास
छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह व माता गुजरी जी की शहादत को समर्पित 316वीं शहीदी सभा में इस बार नई मिसाल पेश होगी।
धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब
छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह व माता गुजरी जी की शहादत को समर्पित 316वीं शहीदी सभा में इस बार नई मिसाल पेश होगी। 25 से 27 दिसंबर तक चलने वाली शहीदी सभा में वीआइपी सिस्टम खत्म कर दिया गया है। किसी को गाड़ियों के लिए अलग से वीआइपी पास जारी नहीं होगा। आम हो या खास सभी एक ही व्यवस्था में रहेंगे। यह फैसला संगत की मांग पर जिला प्रशासन ने लिया है। करीब 15 वर्ष पहले भी जिला प्रशासन ने शहीदी सभा में एक फैसला लेकर यहां लगने वाली सर्कसें, झूलों को बंद कराया था। डिप्टी कमिश्नर अमृत कौर गिल ने बताया कि उन्हें खुद ऐसा लग रहा था कि वीआइपी पास जारी करना उचित नहीं है। वहीं संगत की तरफ से गत वर्ष भी कई सुझाव आए थे। इसके चलते फैसला लिया गया कि किसी को भी पास जारी नहीं होगा। श्रद्धालुओं की तरह सभी ही शहीदों की धरती पर नतमस्तक होंगे। स्थानीय लोग अपने पहचान पत्र दिखाकर आसानी से आ जा सकेंगे।
पांच पब्लिक प्वाइंट्स पर मिलेंगे मुफ्त सैनिटाइजर व मास्क
इस बार सभा में कोविड-19 को बड़ी चुनौती मानते हुए प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पांच जगहों पर पब्लिक प्वाइंट्स बनाए हैं। जिन श्रद्धालुओं के पास मास्क या सैनिटाइजर नहीं होंगे, तो उन्हें इन प्वाइंट्स से मास्क व सैनिटाइजर निशुल्क दिए जाएंगे। सभी के लिए मास्क जरूरी होगा। स्वास्थ्य विभाग की वैन संगत की टेस्टिंग भी करेंगी। जिन श्रद्धालुओं में लक्षण दिखाई देंगे, उन्हें क्वारंटाइन करने का इंतजाम भी किया है। बुजुर्गों व बच्चों की सुविधा के लिए 30 ई-रिक्शा चलाए जाएंगे। इनके साथ ही संगत के लिए बसें भी चलेंगी।
10 एसपी और 25 डीएसपी की निगरानी में तीन हजार कर्मी तैनात
शहीदी सभा के दौरान सुरक्षा प्रबंधों को लेकर एसएसपी अमनीत कौंडल ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर इस बार डीजीपी से पहले ही मंजूरी लेकर एडवांस में फोर्स लगा दी गई है। पंजाब के विभिन्न जिलों से 10 एसपी और 25 डीएसपी स्तर के अधिकारियों की निगरानी में तीन हजार से अधिक कर्मी तैनात किए गए हैं। फतेहगढ़ साहिब को पांच सेक्टरों में बांटा गया है। इन सेक्टरों में 54 जगहों पर नाके लगेंगे। 12 चेक पोस्टें बनाई गई हैं। पीएपी में ड्रोन की मदद से भी निगरानी रखी जाएगी।