कबूतर की जान बचाकर दिया इंसानियत का परिचय
लोग जहां छोटी सी बात पर एक दूसरे की जान लेने को उतारू हो जाते हैं वहीं समाज में कुछ ऐसे शख्श भी हैं जो कुदरत के हर नजारे का आनंद लेते हैं। ये आनंद चाहे किसी की जरूरत पूरा करने का हो या भूखे का पेट भरने, या फिर किसी की जान बचाने का हो।
लखवीर ¨सह लक्की, मंडी गोबिंदगढ़
लोग जहां छोटी सी बात पर एक दूसरे की जान लेने को उतारू हो जाते हैं वहीं समाज में कुछ ऐसे शख्श भी हैं जो कुदरत के हर नजारे का आनंद लेते हैं। ये आनंद चाहे किसी की जरूरत पूरा करने का हो या भूखे का पेट भरने, या फिर किसी की जान बचाने का हो। कुदरत के ही एक ऐसे नजारे का आनंद मंडी गो¨बदगढ़ मुख्य चौक पर ड्यूटी दे रहे ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने लिया है। अपनी ड्यूटी दौरान कांस्टेबल दिलप्रीत ¨सह ने देखा कि पुल पर बने एक घौंसले में एक कबूतर का बच्चा जमीन पर आ गिरा तो घौंसले में बैठी बच्चे की मां बच्चे को घौंसले में लाने के लिए तड़प रही थी। पुल ऊंचा होने के कारण घौंसले में बच्चो को पहुंचा भले ही बेहद कठिन काम था। इस पर दिलप्रीत ने एक क्रेन मंगवाई और उस पर एक व्यक्ति की मदद से आधे पौने घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को दोबारा घौंसले में पहुंचा दिया। जैसे ही बच्चा घौंसले में बैठी अपनी मां के पास पहुंचा तो मां की बच्चे से मिलने की तड़प भी बंद हो गई और ये नजारा जमीन पर खड़े कई लोगों ने देखा तो हर किसी ने इसका आनंद लिया और ट्रैफिक कर्मी के इस साहस को कई लोगों ने सलाम भी ठोके। दिलप्रीत ¨सह द्वारा एक छोटे से प्रयास के लिए की गई इतनी बड़ी मेहनत उसके जहन के अंदर की खुशी को चेहरे पर बयान कर रही थी।