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पाच घटे में 20 हजार लोगों की मदद से बनाई मानव आकृति

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : संत निरंकारी मिशन ने संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल जीटी र

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 05:15 PM (IST)
पाच घटे में 20 हजार लोगों की मदद से बनाई मानव आकृति
पाच घटे में 20 हजार लोगों की मदद से बनाई मानव आकृति

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : संत निरंकारी मिशन ने संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल जीटी रोड समालखा हरियाणा में 'रौशन मीनार की सबसे बड़ी मानव आकृति' बनाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाने का प्रयास किया है। यह आकृति उसी स्थल पर बनाई गई है जहा ठीक एक सप्ताह से मिशन का तीन दिवसीय 71वा वार्षिक निरंकारी संत समागम आरंभ हो रहा है।

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मिशन की सतगुरु माता सुदीक्षा जी के दिव्य मार्गदर्शन में आयोजित संसार के इस सबसे बड़े कार्यक्रम में भारत के विभिन्न भागों तथा दूर-देशों से आए लगभग 20,000 पुरुष तथा महिलाओं ने भाग लिया। प्रत्येक सदस्य को प्रबंधकों की ओर से विभिन्न रंगों की पोशाक दी गई। जो उसके स्थान के अनुसार निर्धारित की गई थी। इस मानव आकृति में कुल 5 रंग थे और यह पोशाक हर सदस्य के लिए अपने पहले से पहने हुए वस्त्रों के ऊपर पहनने के लिए थी। इस मानव आकृति को बनाने के लिए लगभग 5 घटे का समय लगा।

यह कार्यक्रम मिशन की सतगुरु माता सुदीक्षा जी की दिव्य उपस्थिति में माता सविंदर हरदेव जी को समर्पित था। जिन्होंने 13 मई 2016 से लेकर 5 अगस्त 2018 तक सतगुरु रूप में मिशन का मार्ग-दर्शन किया। माता सविंदर हरदेव जी चाहते थे कि मिशन का प्रत्येक अनुयायी एक रोशन मीनार बने और ब्रह्मज्ञान के इस उजाले को संसार के कोने-कोने तक फैलाए। इस मानव आकृति में भाग लेने वालों को मुबारकबाद देते माता सुदीक्षा ने उनकी लगन, श्रद्धा तथा मर्यादा की प्रशसा की। उन्होंने कहा कि आप इतने घटे धूप में भी खड़े रहे परंतु आपका उत्साह उसी तरह बना रहा। निरंकार दया करे कि सभी का जीवन एक रौशन मीनार बने और संसार का मार्ग-दर्शन करने वाला सिद्ध हो जैसा कि सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी चाहते थे। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि आने वाले समागम के लिए विषय रखा गया है मा सविंदर-एक रौशन सफर। वह चाहते थे कि हर मानव एक रौशन मीनार बने और दूसरों के मार्ग को भी रोशन करे।


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