बुनियादी ढांचा नई प्रौद्योगिकी को समझने की कुंजी : भोगल
बाबा बंदा ¨सह बहादुर इंजीनिय¨रग कालेज में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्ज इंडिया (पंजाब और स्टेट सैंटर) के सहयोग के साथ दो दिवसीय वर्कशाप Þएप्लीकेशन ऑफ पावर इलेक्ट्रोनिक्स इन इलैक्ट्रकील सिस्टमस की शुरूआत की गई।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब
बाबा बंदा ¨सह बहादुर इंजीनिय¨रग कॉलेज में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स इंडिया (पंजाब और स्टेट सेंटर) के सहयोग के साथ दो दिवसीय वर्कशॉप एप्लीकेशन ऑफ पावर इलेक्ट्रॉनिक्स इन इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स की शुरुआत की गई। इसमें इंजीनियर पीएस भोगल पूर्व चेयरमैन आइईआइ मुख्य मेहमान थे। पीएस भोगल ने कहा कि इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स एक संस्था है, जो एक ही अकादमियों के सदस्यों को एक संयुक्त मंच पर अपने विचार पेश करने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि वर्कशॉप का विषय बदल रहे तकनीकी संसार के साथ संबंधित है। उन्होंने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि बुनियादी फंडामेंटलस किसी नई प्रौद्योगिकी को समझने की कुंजी है।
वहीं कॉलेज के ¨प्रसिपल मेजर जनरल डॉ. गुरचरन ¨सह लांबा ने कहा कि विद्यार्थियों को उद्योग की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ तकनीकी के बदलते हुए माहौल में तबदील करना अहम जरूरत है। वर्कशॉप के कनवीनर और प्रमुख ईई विभाग, डॉ जीएस बराड़ ने कहा कि आज स्मार्ट ड्राइव और स्मार्ट ग्रिड्स के साथ इंजीनिय¨रग की रफ्तार बदल गई है। इस अवसर पर इंजीनियर एसएस मुंडी और आनरेरी सेक्रेटरी आइईआइ), कॉलेज के ¨प्रसिपल मेजर जनरल डॉ जीएस लांबा डॉ. लख¨वदर ¨सह डीन अकादमिक, डॉ. गुरसेवक ¨सह बराड़ (प्रमुख ईई विभाग), डॉ. लखवीर ¨सह (प्रमुख एमई विभाग) और डॉ. कालेई सैलवी (आइआइटी रोपड़) से वर्कशॉप में मुख्य मेहमान शामिल हुए।