Move to Jagran APP

बयान देने से पीछे हटा सुखबीर का विरोध करने वाला युवक, दो दिन का मांगा समय

गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में 28 दिसंबर की शाम को माथा टेकने आए शिअद (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को काली झंडियां दिखाते हुए विरोध करने और गाड़ियों के काफिले को घेरने की घटना में शामिल सिमरप्रीत सिंह निवासी गंडुआं द्वारा अकाली दल के जिलाध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा पर हमला कराने व किडनैप करने के आरोप लगाने के बाद अब बयान दर्ज कराने से पीछे हट गया है

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 11:57 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 11:57 PM (IST)
बयान देने से पीछे हटा सुखबीर का विरोध करने वाला युवक, दो दिन का मांगा समय

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब

loksabha election banner

गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में 28 दिसंबर की शाम को माथा टेकने आए शिअद (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को काली झंडियां दिखाते हुए विरोध करने और गाड़ियों के काफिले को घेरने की घटना में शामिल सिमरप्रीत सिंह निवासी गंडुआं द्वारा अकाली दल के जिलाध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा पर हमला कराने व किडनैप करने के आरोप लगाने के बाद अब बयान दर्ज कराने से पीछे हट गया है। युवक के पीछे हटने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उसने किसके इशारे पर अकाली दल के जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए और पुलिस के पास शिकायत दी थी। इसे लेकर पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है और शिअद की एक टीम भी इसका पता लगाने में जुटी है कि सच्चाई को सार्वजनिक किया जा सके। इसके अलावा सुखबीर बादल का विरोध करने वाले लंगर कमेटी के युवक भी पुलिस के पास गए थे। पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी जान माल की रक्षा के लिए पुलिस चौबीस घंटे हाजिर है, उन्हें कोई नुकसान होता है तो पुलिस जिम्मेवार है। इस पर लंगर कमेटी के सदस्य शांत हुए।

बयान न देने पर सिमरप्रीत सिंह ने कहा कि परिवार वालों और रिश्तेदारों के कहने पर अभी बयान नहीं दिए हैं। पुलिस से दो दिनों का समय मांगा है और दूसरे पक्ष से राजीनामे की बात चल रही है। यदि उनकी शर्तों मुताबिक राजीनामा नहीं होता तो वे पुलिस के पास बयान दर्ज करवाकर कार्रवाई कराएंगे। लंगर कमेटी के सुपिदर सिंह ने कहा कि उन्हें पुलिस ने भरोसा दिया है कि उनका कोई नुकसान नहीं होगा, जिस पर उन्हें कोई खतरा नहीं है। बस्सी पठाना के एसएचओ मनप्रीत सिंह ने कहा कि फिलहाल सिमरप्रीत सिंह ने कोई बयान दर्ज नहीं कराए हैं। बयान देने के बाद ही अगली कार्रवाई हो सकती है। उधर, जिलाध्यक्ष चीमा का कहना है कि घटना में कोई सच्चाई नहीं है। उन पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.