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मुकाबला निजी स्कूलों से पर अभी तक किताबें नहीं बांट सका शिक्षा विभाग

पंजाब के सरकारी स्कूलों का हाल यह है कि बचों को अभी तक किताबें भी पूरी नहीं दी जा चुकी हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 11:26 PM (IST)
मुकाबला निजी स्कूलों से पर अभी तक किताबें नहीं बांट सका शिक्षा विभाग
मुकाबला निजी स्कूलों से पर अभी तक किताबें नहीं बांट सका शिक्षा विभाग

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब : दिल्ली सरकार की तर्ज पर पंजाब का शिक्षा विभाग काफी समय से निजी स्कूलों का मुकाबला करने के दावे कर रहा है, लेकिन, कोरोना संकट के बीच इन दावों की एक बार फिर से पोल खुली है। लॉकडाउन के बीच जहां प्रदेश के सभी निजी स्कूलों ने अप्रैल के मध्य से ही आनलाइन पढ़ाई शुरू करते हुए घर बैठे ही बच्चों का सिलेबस शुरू कर दिया था और अब तक निजी स्कूलों के बच्चे नए सत्र की 30 फीसदी पढ़ाई पूरी भी कर चुके हैं। वहीं सरकारी स्कूलों का हाल यह है कि बच्चों को अभी तक किताबें भी पूरी नहीं दी जा चुकी हैं।

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जिले मे हैं 442 सरकारी प्राइमरी स्कूल

सरकारी स्कूलों के बच्चों को नए सत्र का सिलेबस तक नहीं पहुंचा है। इस कारण पढ़ाई प्रभावित है। जिला फतेहगढ़ साहिब में 442 सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में पहली से लेकर पांचवीं कक्षाओं तक 27,050 बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में अभी तक पचास फीसदी किताबें ही पहुंची हैं। बेशक ये किताबें कुछ दिनों पहले ही बच्चों तक पहुंचाई जा चुकी हैं। लेकिन बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे और उन्हें कौन गाइड करेगा। इसका कोई सिस्टम फिलहाल सरकारी स्कूलों में नहीं बना है। बाकी की जो पचास फीसदी किताबें बची हैं वो कब तक आएंगी, इसका अनुमान भी किसी के पास नहीं है।

सरकारी हाई, मिडल व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 29500 बच्चे

ऐसा ही हाल सरकारी हाई, मिडल व सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है। जिले में 217 हाई, मिडल व सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में छठी से लेकर बारहवीं कक्षाओं तक 29500 बच्चे पढ़ते हैं। इन्हें भी कुछ दिनों पहले ही पचास फीसदी किताबें दी गईं। लेकिन पढ़ाई करने का कोई सिस्टम नहीं बनाया गया है।

अध्यापकों से अन्य कार्य लेना भी मुख्य कारण

पंजाब सरकार द्वारा लॉकडाउन के बीच अध्यापकों को सरकारी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई का सिस्टम बनाने की बजाय उनसे अन्य कार्य लेना भी मुख्य कारण है कि अभी तक सरकारी शिक्षा सिस्टम पटरी पर नहीं आया। सरकार को अध्यापकों को शिक्षा संबंधी ही कार्य लेकर बच्चों की पढ़ाई शुरू करानी चाहिए।

जितनी किताबें आई थीं, बच्चों को दे दीं

उप जिला शिक्षा अधिकारी अवतार सिंह ने कहा कि स्कूलों में करीब साठ फीसद किताबें आईं थीं। ये किताबें अध्यापकों की शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाकर बच्चों को दे दी गई हैं। फिलहाल स्कूलों से आनलाइन पढ़ाई का कोई सिस्टम नहीं है। जैसे सरकार के आदेश होंगे, उनकी पालना की जाएगी।


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