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लाखों रुपये के लिए 10 लोगों के हत्‍यारे को मिलेगी फांसी, यूं हुआ था सनसनीखेज खुलासा

फतेहगढ़ साहिब जिले में एक व्‍यक्ति ने 62 लाख रुपये की लालच में 10 लोगाें को नहर में डुबोकर मार डाला। अब उसको फांसी की सजा मिलेगी। उसी सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 03:29 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 03:29 PM (IST)
लाखों रुपये के लिए 10 लोगों के हत्‍यारे को मिलेगी फांसी, यूं हुआ था सनसनीखेज खुलासा

सरहिंद (फतेहगढ़ साहिब), जेएनएन। एक व्‍यक्ति ने लाखों रुपये हड़पने के लालच में दरिंदगी की सारी सीमा पार कर दी। उसने 50 लाख रुपये की लालच में अपने छह परिजनों की हत्‍या कर दी। एक अलग मामले में उसने 12 लाख रुपये हड़पने के लिए एक अन्‍य परिवार के चार लोगों को मार डाला था। इन लोगों की नहर में डुबोकर हत्‍या करने वाले फतेहगढ़ साहिब के खुशविंदर सिंह को अब फांसी की सजा होगी। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मृत्‍युदंड की सजा को बरकरार रखा है। अगर उसे इस मामले में फांसी हुई तो गैर आतंकवादी मामलों में 2004 के बाद देश में यह पहली फांसी होगी। 2004 में पश्चिम बंगाल में धनंजय चटर्जी को एक नाबालिग बच्ची की दुष्कर्म के बाद जघन्य हत्या करने के मामले में फांसी दी गई थी।  

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फतेहगढ़ साहिब के गांव सुहावी के खुशविंदर ने 10 लोगों को नहर में डुबोकर मार डाला था

फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव सुहावी निवासी खुशविंदर ने 2012 में प्लॉट बिक्री के 50 लाख रुपये हड़पने के लिए अपनी पत्नी के परिवार के छह रिश्तेदारों पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त हेडकांस्टेबल गुरमेल सिंह (70) उनकी पत्नी परमजीत कौर (60) और परिवार के चार अन्य सदस्यों की हत्या की थी।

धार्मिक अनुष्‍ठान के बहाने भाखड़ा नहर के किनारे ले जाकर धक्‍का दिया था

अदालत में पेश मामले के अनुसार, परिवार ने 50 लाख रुपये में प्‍लॉट बेचा था। खुशविंदर को इस रकम पर लालच आ गया और उसने पूरी रकम हड़पने के लिए खतरनाक साजिश रची। जुलाई 2012 में खुशविंदर  परिजनों हेडकांस्टेबल गुरमेल सिंह, उनकी पत्नी परमजीत कौर (60) और परिवार के चार अन्य सदस्यों को धार्मिक अनुष्‍ठान के बहाने मुकुंदपुर गांव के पास भाखड़ा नहर के किनारे ले गया। फिर उसने एक-एक कर परिजनों को बहाने से थोड़ी दूरी पर ले जाकर उनको नहर में धक्का दे दिया।

खुशविंदर की लालच के शिकार हुए लोग। ऊपर -2004 में मारे गए एक ही परिवार के लोग। नीचे- 2012 में मारे गए लोग।

इसके बाद खुशिवंदर सिंह घर चला गया। दूसरी ओर, नहर में धक्‍का दिए जाने के बाद गुरमेल की बेटी जैस्मीन किसी तर‍ह तैरकर नहर से बाहर आ गई। उसने बस्सी पठाना पुलिस को मामले की सूचना दी थी। जैस्मीन ने पुलिस को बताया था कि खुशविंदर को उनके घर आने-जाने के दौरान 50 लाख रुपये में प्लॉट बेचे जाने के बारे में पता चला था। पुलिस ने इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।

2004 में चार लोगों को भी 12 लाख हड़पने के लिए नहर में डुबोकर मार डाला था

इससे पहले वर्ष 2004 में खुशविंदर सिंह ने 12 लाख रुपये हड़पने की नीयत से गांव नौगावां निवासी कुलवंत सिंह, उसकी पत्नी हरजीत कौर, बेटी रमनदीप कौर और बेटे अरविंदर सिंह को नहर में धक्का देकर मार दिया  था। कुलवंत सिंह ने 12 लाख रूपये में जमीन बेची थी। इसकी सारी जानकारी खुशविंदर सिंह के पास थी और वह सारे रुपये हड़पना चाहता था। इस मामले में उसे पहले ही मृत्‍युदंड सुनाया गया था।

पैसे डबल करने के बहाने नहर पर ले जाकर डुबोया था

खुशविंदर सिंह ने पुलिस के सामने माना था कि उसने ये हत्याएं 12 लाख रुपये हड़पने के लिए की थी। कुलवंत से खुशविंदर सिंह ने कहा था कि नहर किनारे आधी रात को परिवार समेत बैठ ख्वाजा की पूजा करेगा तो उसकी 12 लाख रुपये की रकम दोगुनी हो जाएगी। वहां पहुंचने पर खुशविंदर ने सभी को एक-एक करके नहर में धक्का दे दिया था। तब इस मामले में कुलवंत सिंह के साले कुलतार सिंह के बयान पर बस्सी पठाना पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया था।

इसके बाद मामला सेशन कोर्ट और फिर हाई कोर्ट में चला। दाेनों अदालतों ने खुशविंदर को फांसी की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने खुशविंदर को 28 अगस्त, 2018 को फांसी की सजा सुनाई थी। खुशविंदर ने अपनी फांसी को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। अब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर पर मुहर लगाते हुए उसकी सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर

सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एके सीकरी, एस अब्दुल नजीर और एमके शाह की तीन न्यायाधीशों की बेंच ने खुशविंदर की सजा बरकरार रखी। अदालत ने कहा कि तथ्यों और परिस्थतियों के मद्देनजर उनकी राय में मृत्युदंड के अलावा कोई अन्य दंड उचित नहीं है।

अदालत ने कहा कि आरोपित ने पूरी साजिश रच कर छह व्यक्तियों की हत्या की है। उसने पहले तीन व्यक्तियों का अपहरण किया और उन्हें नींद की गोलियां खिलाने के बाद नहर के पास ले गया और आधी रात को उन्हें नहर में धक्का दे दिया ताकि कोई उसकी यह करतूत न देख सके। इसके बाद उसने तीन और व्यक्तियों की हत्या कर दी। इसीलिए यह मामला दुर्लभ में दुर्लभतम(रेयरेस्ट ऑफ रेयर) है।


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