Move to Jagran APP

कोरोना ने ली ऊषा माता मंदिर प्रमुख स्‍वामी महादेव की जान, श्रद्धालु नहीं कर सके अंतिम दर्शन

हजारों श्रद्धालुओं की आस्‍था के केंद्र बस्सी पठाना के ऊषा माता मंदिर के प्रमुख स्वामी महादेव का कोरोना के कारण निधन हो गया है। श्रद्धालु उनका अंतिम दर्शन नहीं कर सके।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 03:17 PM (IST)
कोरोना ने ली ऊषा माता मंदिर प्रमुख स्‍वामी महादेव की जान, श्रद्धालु नहीं कर सके अंतिम दर्शन
कोरोना ने ली ऊषा माता मंदिर प्रमुख स्‍वामी महादेव की जान, श्रद्धालु नहीं कर सके अंतिम दर्शन

बस्सी पठाना(फमतेहगढ़ साहिब), जेएनएन। हजारों श्रदालुओं की आस्था का केंद्र बस्सी पठाना के ऊषा माता मंदिर के प्रमुख स्वामी महादेव चिरनिंद्रा मेंं लीन हो गए हैं। उनका देहावसान कोरोना के कारण हुआ है। 72 वर्षीय स्‍वामी महादेव संत समाज पंजाब और जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष भी थे। कोरोना संक्रमित स्वामी का उपचार लुधियाना के सतगुरु प्रताप सिंह अस्पताल में चल रहा था। वहीं उन्‍होंने अंतिम सांस ली।

loksabha election banner

प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा में शुक्रवार की सुबह ही उनका अंतिम संस्कार लुधियाना में ही कर दिया। महामारी के चलते उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए भी नहीं रखा जा सका। इससे श्रदालुओं में निराशा भी रही। जानकारी के अनुसार स्वामी महादेव 1 जून को हरिद्वार से लौटे थे और बाद में जम्मू भी गए थे। इस दौरान अनेक श्रद्धालु उनके संपर्क में आए।

माता ऊषा देवी मंदिर के बाहर तैनात पुलिसकर्मी।

बस्सी पठाना में दो सप्ताह रुकने पर भी अनेक श्रद्धालु  उनके संपर्क में आए थे। एक पुलिस अधिकारी के भी स्वामी के संपर्क में आने की सूचना है। इसके चलते प्रशासन ने मंदिर में पुलिस सुरक्षा लगाते हुए स्वामी के संपर्क में आने वालों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी थी। मंदिर में आने पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है।

नहीं संभाली थी गद्दी, शिष्य बनकर कर रहे थे सेवा

करीब 30 साल पुराने ऊषा माता मंदिर में माता ऊषा जी गद्दी पर बिराजमान रही थीं। उनके चिरनिंद्रा में लीन होने के उपरांत स्वामी महादेव को गद्दी संभालने पर सहमति हुई थी। लेकिन उन्होंने गद्दी संभालने से इन्‍कार करते हुए शिष्य बनकर सेवा जारी रखी थी।

सिविल सर्जन बोले - फतेहगढ़ साहिब में कोई मौत नहीं

स्वामी की कोरोना से मौत जिले में पहली मौत है। लेकिन, सिविल सर्जन डॉ एनके अग्रवाल का कहना है कि मौत लुधियाना में हुई है और वहीं पर टेस्ट हुआ था। इस लिए इसे जिले में कोरोना से मौत नहीं माना जा सकता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.