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बाबा बंदा सिंह बहादर की कुर्बानी हमें भरोसा और स्वाभिमान का जीवन जीने की देती है प्रेरणा

बाबा बंदा सिंह बहादर और उनके साथियों के शहीदी दिवस को समर्पित शुक्रवार को बाबा बंदा सिंह बहादर इंजीनियरिग कालेज के ज्ञानी दित्त सिंह आडिटोरियम में गुरमति समागम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 07:04 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:04 PM (IST)
बाबा बंदा सिंह बहादर की कुर्बानी हमें भरोसा और स्वाभिमान का जीवन जीने की देती है प्रेरणा
बाबा बंदा सिंह बहादर की कुर्बानी हमें भरोसा और स्वाभिमान का जीवन जीने की देती है प्रेरणा

संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : बाबा बंदा सिंह बहादर और उनके साथियों के शहीदी दिवस को समर्पित शुक्रवार को बाबा बंदा सिंह बहादर इंजीनियरिग कालेज के ज्ञानी दित्त सिंह आडिटोरियम में गुरमति समागम का आयोजन किया गया। इसमें शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिदर सिंह धामी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर की कुर्बानी हमें भरोसा और स्वाभिमान का जीवन जीने की प्रेरणा देती है। आज की पीढ़ी को गुरमति से जोड़ने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ढाडी दरबार और धार्मिक नाटकों के जरिये योजना बनाएगी। बाबा बंदा सिंह बहादर को सच्ची श्रद्धा भेंट करने के लिए जरूरी है कि हम सभी अमृत छककर सिंह सजें, गुरु के लड़ लगें। पंथ विरोधी शक्तियों के हमले का जवाब देने के लिए पंथक एकता की आज सबसे ज्यादा जरूरत है।

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शिरोमणि अकाली दल के पूर्व सांसद मेंबर प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की अगुआई में पंजाब में जितनी भी जदोजहद पंथ हुई, उसके पीछे बाबा बंदा सिंह बहादर जैसे महान शहीद और महान जरनैल की कुर्बानी की प्रेरणा शक्ति के रूप में बल देती रही है। निर्मल सिंह नूर द्वारा सिख राज्य कैसे गया के विषय पर जो रोशनी डाली गई है। उन्होंने कहा कि इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि सबसे बड़ी ताकत हमारी एकता में ही है। उन्होंने कहा कि हमारे शहीदों की कुर्बानियों के कारण ही हम इमरजेंसी के विरुद्ध लगातार दो साल जूझते रहे। उन्होंने बाबा बंदा सिंह बहादर की याद में आयोजित करवाए गए नाटक, ढाडी दरबार और गतके के प्रदर्शन के लिए शिरोमणि कमेटी की सराहना की।

शिरोमणि कमेटी के महासचिव जत्थेदार करनैल सिंह पंजोली ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर द्वारा स्थापित किए गए खालसा राज्य और महाराज रणजीत सिंह द्वारा स्थापित किए गए सिख राज्य के छिन जाने का सबसे बड़ा कारण आपसी फूट, पंथ परस्ती का कमजोर पड़ जाना, सिद्धांतहीन होना, परिवारवाद में ग्रस्त होना, खुशामदी और आपसी विश्वास न होना ही है। जत्थेदार पंजोली ने कहा कि खालसा पंथ की राजनीतिक जत्थेबंदी शिरोमणि अकाली दल को भी परिवारवाद से बचाकर पंथक पगडंडी की पटरी पर चलाने की जरूरत है।

इस मौके जगदीप सिंह चीमा अध्यक्ष जिला अकाली जत्था फतेहगढ़ साहिब ने आई हुई संगत का धन्यवाद किया। पंथ रत्न जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा यादगारी सोसायटी ने बताया कि आज का समागम हर तरह से प्रेरणास्त्रोत और सफल रहा। इस अवसर पर शिरोमणि कमेटी सदस्य रविदर सिंह खालसा,अवतार सिंह रिया,प्राचार्य कश्मीर सिंह, कुलपति डॉ. प्रितपाल सिंह,डॉ. हरबख्श सिंह भट्टी,प्राचार्य लखवीर सिंह,भगवंत सिंह प्रबंधक,नाथ सिंह प्रबंधक, बलविदर सिंह,मनदीप सिंह, हरबिदर सिंह, गुरप्रीत सिंह राजू खन्ना,गुरमीत सिंह चीमा,सरबजीत सिंह,लवप्रीत सिंह,परमजीत सिंह,सुरिदर सिंह, सुरिदर सिंह समाना आदि उपस्थित थे।


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