Move to Jagran APP

अफगानिस्तान का प्याज दो दिनों में बाघा बार्डर पहुंचने की उम्मीद, कम होंगे दाम

फतेहगढ़ साहिब केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर रोक लगाने का असर दिखाई देने लगा है। प्याज के दामों में गिरावट आने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 12:42 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:05 AM (IST)
अफगानिस्तान का प्याज दो दिनों में बाघा बार्डर पहुंचने की उम्मीद, कम होंगे दाम
अफगानिस्तान का प्याज दो दिनों में बाघा बार्डर पहुंचने की उम्मीद, कम होंगे दाम

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब

loksabha election banner

केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर रोक लगाने का असर दिखाई देने लगा है। प्याज के दामों में गिरावट आने लगी है। चौबीस घंटे के भीतर प्याज के दामों में छह से आठ रुपए तक की गिरावट दर्ज की गई है। इससे आम लोगों ने राहत महसूस की है। यही नहीं, अफगानिस्तान से प्याज दो दिनों के भीतर बाघा बार्डर पहुंचने की उम्मीद है। यहां से यह प्याज पंजाब समेत अन्य राज्यों में सप्लाई होगा। जिससे मंडियों में प्याज की सप्लाई तेज होगी और दाम कम होने की उम्मीद रहेगी। दो सप्ताह से थोक में प्याज में के दाम 2500 से लेकर 3500 रुपये प्रति क्विटल था। बुधवार को मंडियों में थोक का दाम 2000 से 2500 रुपये प्रति क्विटल रहा। यही नहीं, टमाटर की सप्लाई भी मंडियों में तेज होने के चलते चौबीस घंटे में दाम आठ से दम रुपए कम हुए हैं। इसकी वजह यह है कि पंजाब की मंडियों में हिमाचल प्रदेश व महाराष्ट्र से आने वाली टमाटर की सप्लाई ज्यादा हो गई है। सप्लाई की एवज में डिमांड फिलहाल कम है। इसके अलावा आलू के दाम को लेकर फिलहाल लोगों को कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। चूंकि, गत वर्ष बारिश की वजह से आलू की फसल खराब होने कारण अभी तक कोल्ड स्टोरों से ही आलू आ रहा है। इस बार आलू की खेती भी लेट है। जिसके चलते काफी समय दाम बढ़ा ही रहेगा। प्याज के थोक व्यापारी दलजीत थापर ने बताया कि निर्यात पर रोक केबाद दाम आठ रुपए कम हुआ। अफगानिस्तान से भी आर्डर किया प्याज आ रहा है, जिसके दो दिनों में बाघा बार्डर पहुंचने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में लोगों को राहत ही मिलेगी।

कालाबाजारी नहीं होने देंगे : चेयरमैन

मार्केट कमेटी चेयरमैन गुलशन राय बॉबी ने कहा कि आलू, प्याज व टमाटर की कालाबाजारी किसी कीमत नहीं होने दी जाएगी। थोक व खुदरा मार्केट में मनमर्जी का मुनाफा स्वीकार नहीं होगा। जरूरत की सूरत में मार्केट कमेटी की तरफ से सूची भी जारी की जाएगी ताकि कोई मनमर्जी से रेट न लगा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.