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2 करोड़ को नौकरी तो दे नहीं पाए मोदी अब आरक्षण क्या देंगे

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आर्थिक तौर पर जनरल कैटागिरी को दस फीसद आरक्षण देने की बात को सैंट्रल वाल्मीकि सभा और राष्ट्रीय वाल्मीकि सभा प्रमुखों ने आड़े हाथों लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:59 PM (IST)
2 करोड़ को नौकरी तो दे नहीं पाए मोदी अब आरक्षण क्या देंगे

लखवीर ¨सह लक्की, फतेहगढ़ साहिब : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आर्थिक तौर पर पिछड़े जनरल वर्ग को दस फीसद आरक्षण देने की बात को सेंट्रल वाल्मीकि सभा और राष्ट्रीय वाल्मीकि सभा प्रमुखों ने आड़े हाथों लिया है। उक्त सभाओं के नेताओं ने मोदी सरकार की इस घोषणा को लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी स्टंट करार दिया है। यह भी कहा कि विकास पक्ष से पूरी तरह फेल होने के बाद मोदी साढ़े चार साल बाद ही क्यों जागे हैं। लोकसभा हलका फतेहगढ़ साहिब के 9 विधानसभा हलकों के करीब 14 लाख वोटर मोदी के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे।

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राष्ट्रीय वाल्मीकि सभा चेयरमैन कुलदीप सहोता के अनुसार संविधान में 50.5 प्रतिशत आरक्षण पहले ही जनरल वर्ग के पास है और जनरल वर्ग को कमजोर बताया जा रहा है। उनके लिए प्रति परिवार सालाना आमदन का मापदंड 8 लाख रुपये है, जबकि अनुसूचित जाति के लिए वही मापदंड ढाई लाख है। जनरल कमजोर वर्ग के लिए 5 एकड़ से कम जमीन वाले रखे गए हैं, जबकि अनुसूचित जाति के आरक्षण के लिए जमीन न होने वालों को रखा गया। सरकार की तरफ से अनुसूचित जाति के लोगों को प्लाट तब दिया जाता है जब वह किराए के घर में रह रहा हो, परंतु जनरल कमजोर वर्ग के लिए एक हजार फुट के मकान वाले को रखा गया है। जिससे जाहिर है कि मोदी सरकार दलित विरोधी है, जो जनरल वर्ग और दलित वर्ग में अंतर खत्म करने की बजाय और बढ़ा रही है।

दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश थे कि 50 प्रतिशत से अधिक अराक्षण नहीं दिया जा सकता, यदि अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के फैसले को मान लिया तो समझ लेना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट अंदर बैठे जज भी मोदी के इशारे पर काम कर रहे हैं।

सेंट्रल वाल्मीकि सभा के राष्ट्रीय चेयरमैन गेजा राम वाल्मीकि ने कहा कि दस फीसद आरक्षण वोट बैंक की राजनीति है। मोदी ने केंद्र में सरकार बनाने के बाद ही इसे लागू क्यों नहीं किया? दो करोड़ नौजवानों को नौकरियां देने की बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को यह काम पहले करना चाहिए था कि 10 प्रतिशत सवर्ण जाति के गरीब लोगों को तो नौकरी मिल जाती। राम मंदिर के नाम पर मोदी ने वोट इकट्ठी की। धारा 370 पर वोट इकट्ठी कीं। धारा 370 और राम मंदिर वहीं खड़ी है।

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सवर्ण आरक्षण से टूटेगा मोदी का वोट बैंक

राष्ट्रीय वाल्मीकि सभा के चेयरमैन कुलदीप ¨सह सहोता के अनुसार 10 फीसद सवर्ण आरक्षण से लोकसभा चुनावों में फतेहगढ़ साहिब लोकसभा हलके के 9 विधानसभा हलकों से प्रति हलका 5 से 6 हजार वोट का नुकसान मोदी सरकार को होगा। सेंट्रल वाल्मीकि सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गेजा राम वाल्मीकि का कहना है कि 10 फीसद आरक्षण से लोस चुनाव में मोदी सरकार को कोई लाभ नहीं होगा और लोग मोदी सरकार को सत्ता से चलता जरूर करेंगे।


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