हरप्रीत कौर ने उठाया लावारिस शवों के अंतिम संस्कार का बीड़ा
उन लाखों करोड़ों महिलाओं के लिए हरप्रीत कौर प्रेरणा स्त्रोत हैं।
प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट
उन लाखों, करोड़ों महिलाओं के लिए हरप्रीत कौर प्रेरणासोत्र हैं, जो कि श्मशानघाट जाने से भी हिचकती हैं। ऐसी महिलाओं के समक्ष हरप्रीत कौर ने किसी अपने का नहीं बल्कि लावरिश शव का अपने हाथों से अंतिम संस्कार कर एक मिसाल कायम की है। यह लावरिस शव कोटकपूरा पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार के लिए फरीदकोट में लाया गया था। इसकी जानकारी हरप्रीत कौर को मिलने पर उन्होंने खुद शव का अंतिम संस्कार करने का सभी प्रबंध करने के साथ ही अरदास करने के बाद मुखाग्नि दी।
41 वर्षीय हरप्रीत ने बताया कि वह फरीदकोट की है। उनके पति रूपिदर सिंह एक शिक्षण संस्थान चलाते हैं। वह अक्सर समाजसेवा के कार्यो के साथ ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में सहयोग करते थे। कुछ समय से उन्हें भी महसूस हो रहा था, कि वह क्यों न खुद अपने हाथों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करे। इस काम में उनकी मदद सहारा सोसायटी के अशोक भटनागर ने की।
उन्होंने बताया कि वह एक घरेलू महिला है, परंतु उन्होंने अब निर्णय ले लिया है कि मानवता व समाज की भलाई के लिए जो भी उनसे बन पड़ेगा वह बिना किसी को बताए करेगी। आगे भी लावारिस शव का मामला आएगा उसका वह अंतिम संस्कार करेंगी। उन्होंने बताया कि हमारे समाज में प्राय: अंतिम संस्कार की रश्म पुरुषों द्वारा ही निभाई जाती रही है, परंतु अब वह खुद भी इन शवों को अंतिम संस्कार करेंगी। इनसेट
अपने आप में पहला मामला
पति रूपिदर सिंह व समाजसेवी अशोक भटनागर ने बताया कि हरप्रीत कौर की पहल नि:संदेह सराहनीय है। उन्होंने कुछ मामले सुने व देखे हैं जिसमें महिलाएं अपनों के शवों का अंतिम संस्कार करती रही है, परंतु लावारिस शवों के अंतिम संस्कार का यह अपने आप में पहला मामला है। वह सभी हरप्रीत कौर की पहल की सराहना करते हैं। इनसेट
इनसेट संस्कार के लिए तैयार करेंगी ग्रुप
हरप्रीत ने बताया कि वह आने वाले समय में एक ग्रुप तैयार करेगी जो कि जरूरतमंद लोगों की मदद के साथ ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में सक्रिय भूमिका निभाएगा।