विभाग की मंजूरी के बिना फसलों पर न करें छिड़काव: हरनेक
इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण किसानों को धान की रोपाई के दौरान श्रमिक समस्या के कारण धान की सीधी रोपाई किए जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
जांस, फरीदकोट : इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण किसानों को धान की रोपाई के दौरान श्रमिक समस्या के कारण धान की सीधी रोपाई किए जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। कृषि विभाग की टीमों द्वारा धान की फसल की लगातार निगरानी की जा रही है, और यह समय सीधी रोपाई वाले धान के खेतों में घने क्षेत्रों से पौधे उखाड़कर विरल स्थानों में अंतराल भरने के लिए उपयुक्त है। धान की फसल पर कोई बीमारी या कीट का हमला नहीं देखा गया।
यह जानकारी मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. हरनेक सिंह रोडे ने दी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे विभाग की सिफारिश के बिना अपनी फसलों पर अंधाधुंध कीटनाशक, फफूंदनाशी या कवकनाशी का छिड़काव न करें। मुख्य कृषि अधिकारी ने उन किसानों को सलाह दी जो फसल विविधीकरण के तहत कपास, मक्का किए हुए हैं। वह बारिश के पानी को अपने खेतों में जमा नहीं होने दें। कपास की फसल वर्तमान में फूलों की फली पर है और साप्ताहिक अंतराल पर पोटेशियम नाइट्रेट के चार छिड़काव करके इसे और अधिक पैदावार लिया जा सकता है। उन्होंने किसानों से इस बारे में जागरूक रहने और अपने खेतों का सर्वेक्षण करने और विभाग की सिफारिश के बिना कोई छिड़काव नहीं करने की अपील की। मक्का और मकई की फसल की स्थिति भी अच्छी है। साथ ही उन्होंने दवा विक्रेताओं को कड़ी फटकार लगाई और निर्देश दिया कि किसानों को विभाग की पर्ची के बिना कोई कीटनाशक, फफूंदनाशक नहीं दिया जाना चाहिए और कोई टैगिग नहीं की जानी चाहिए।