हाई कोर्ट ने दिए निजी कॉलेजों में एक समान आरक्षण कोटा लागू करने के आदेश
हाई कोर्ट ने राज्य के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में भी एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों के लिए सरकारी कॉलेजों की तर्ज पर आरक्षण प्रणाली लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
फरीदकोट [राजीव शर्मा]। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में भी एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों के लिए सरकारी कॉलेजों की तर्ज पर आरक्षण प्रणाली लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इसका कोई तर्क नहीं है कि आरक्षण केवल सरकारी संस्थानों तक ही सीमित होना चाहिए, जबकि पूरी प्रक्रिया एक ही जगह पर सरकारी निर्देशों पर आधारित होती है।
हाईकोर्ट की डबल बैंच ने यह फैसला पांच मेडिकल उम्मीदवारों की ओर से दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनाया। इन उम्मीदवारों ने अपनी याचिका में कहा था कि सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में खिलाड़ियों के लिए एक प्रतिशत कोटा और आतंकवाद प्रभावित व्यक्तियों के बच्चों के लिए एक प्रतिशत कोटा निर्धारित है, लेकिन यह कोटा निजी संस्थानों में लागू नहीं है।
अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी को पंजाब के तमाम सरकारी व निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए नोडल एजेंसी बनाई हुई है लेकिन राज्य सरकार के पास आरक्षण कोटे को लेकर सरकारी व निजी कॉलेजों में अलग-अलग प्रावधान रखने का कोई तर्क नहीं है।
राज्य के तीनों सरकारी मेडिकल और दो डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस सीटों पर कुल 76 प्रतिशत आरक्षण कोटा दिया जा रहा है, जबकि 5 निजी मेडिकल और 13 डेंटल कॉलेजों में यह कोटा 54 प्रतिशत है। इन याचिकाओं पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी से इन याचिकाकर्ताओं को निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पांच सीटों की व्यवस्था करवाने के आदेश दिए हैं। हालांकि यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट की हिदायतों के चलते चार निजी कॉलेजों में 7 एमबीबीएस की सीटें होल्ड पर रखी हुई हैं।
सरकार के निर्देश का इंतजार : वीसी
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. राज बहादुर ने कहा हम उच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर राज्य सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
सरकारी कॉलेजों में कोटा
- अनुसूचित जाति के लिए 25 प्रतिशत
- पिछड़ा वर्ग के लिए 10 प्रतिशत
- पिछड़ा क्षेत्र/सीमा क्षेत्र के लिए एक प्रतिशत
- शारीरिक रूप से दिव्यांगों के लिए 3 प्रतिशत
- खिलाड़ी वर्ग, आतंकवादी प्रभावित, सिख दंगा प्रभावित, पंजाब पुलिस कर्मियों के बच्चों, पंजाब के स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों, आतंकवादी हिंसा के कारण जम्मू-कश्मीर के पलायनकर्ता परिवारों के बच्चों के लिए एक-एक प्रतिशत
- एनआरआइ कोटा 15 प्रतिशत
निजी कालेजों में कोटा
- 15 प्रतिशत एनआरआइ कोटा
- 25 प्रतिशत एससी वर्ग
- 10 प्रतिशत बीसी
- 3 प्रतिशत शारीरिक रूप से विकलांग
- एक प्रतिशत आतंकवाद के चलते जम्मू-कश्मीर के पलायनकर्ता