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विजयादशमी पर कहीं भी नहीं जला रावण

दशकों बाद यह पहला अवसर रहा जब जिले में कहीं भी रावण नहीं जला

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:52 PM (IST)
विजयादशमी पर कहीं भी नहीं जला रावण

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

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दशकों बाद यह पहला अवसर रहा जब जिले में कहीं भी रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले का विजयादशमी पर दहन नहीं हुआ। फरीदकोट नेहरू स्टेडियम में मनाया जाने वाला दशहरा पर्व कुल्लू के बाद सबसे ज्यादा ख्याति प्राप्त रहा है, परंतु इस बार लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत स्वरूप जलाए जाने वाले पुतलों को देखने से वंचित होना पड़ा। जिले में दशहरा पर्व न मनाए जाने का कारण कोरोना महामारी रहा।

जिले के तीनों शहरों फरीदकोट, कोटकपूरा व जैतो में विगत कई दशकों से रामलीला का मंचन व विजयादशमी पर्व पर धूमधाम से मनाई जाती रही है। इसके लिए आयोजक कमेटियों द्वारा पर्व के पूर्व ही बैठक कर तरह-तरह की तैयारियां करने के साथ ही रामलीला मंचन व दशहरा पर्व पर खर्च होने वाली धनराशि को चंदे के स्वरूप में एकत्र किया जाता रहा है। इस बार न तो बैठकें ठीक से हो पाई और न ही समागम हेतु धनराशि एकत्र जिसे देखते हुए आयोजकों द्वारा न तो रामलीला का मंचन किया गया और न ही दशहरा पर्व मनाया गया।

हालांकि दशहरा पर्व पर मेला देखने के लिए छोटे बच्चे घरों में जिद करते रहे, जिन्हें उनके अभिभावक यह समझा पाने में नाकाम रहे कि इस बार पर्व पर मेला नहीं लग रहा है। फरीदकोट शहर में दशहरा पर्व नेहरू स्टेडियम में मनाया जाता रहा है। इनसेट

घरों से निकले नहीं ज्यादातर लोग

दशहरे पर सामान्य रूप से बाजारों में सजने वाली जलेबियों की दुकानें भी न के बराबर ही सजी, ज्यादातर लोग घरों से बाहर नहीं नहीं निकले। एका-दुका लोग नेहरू स्टेडियम के पास अपने बच्चों के साथ घूमते हुए दिखाई दिए, जहां हर साल आज के दिन हजारों की तादात में लोगों का हुजुम उमड़ता था।


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