जानवरों को भी समझें संवेदनशील प्राणी
बेजुबान जानवरों की सुरक्षा व देखभाल करना हम सभी का फर्ज बनता है। इस लिए हमें निरस्वार्थ भाव से इनकी सेवा करनी चाहिए। यह विचार संत मोहन दास संस्थाओं के डायरेक्टर कम चेयरमैन राज कुमार थापर ने गांव कोट सुखिया की संत मोहन दास विद्यक संस्थाओं में वर्ल्ड एनीमल-डे को समर्पित समारोह के दौरान विद्यार्थियों व अध्यापकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
बेजुबान जानवरों की सुरक्षा व देखभाल करना हम सभी का फर्ज बनता है। इसलिए हमें निस्वार्थ भाव से इनकी सेवा करनी चाहिए। यह विचार संत मोहन दास संस्थाओं के डायरेक्टर कम चेयरमैन राज कुमार थापर ने गांव कोट सुखिया की संत मोहन दास विद्यक संस्थाओं में वर्ल्ड एनीमल-डे को समर्पित समारोह के दौरान विद्यार्थियों व अध्यापकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि विश्व भर में 4 अक्टूबर को वर्ल्ड एनीमल-डे मनाया जाता है। सबसे पहले यह दिवस 24 मार्च 1925 को स्पोर्ट्स पैलेस बर्लिन (जर्मनी) में मनाया गया था और इसके उपरांत 1929 को यह दिन हर वर्ष 4 अक्टूबर को पूरे विश्व भर में मनाया जाने लगा। उन्होंने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मानव जाति में जानवरों के प्रति जागरुकता पैदा करना है।
उन्होंने कहा कि जानवरों को संवेदनशील प्राणी समझते हुए उनकी भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए। संस्था के डिप्टी डायरेक्टर संदीप थापर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में इस धरती पर मनुष्य की लापरवाही के कारण ज्यादातर पक्षियों व जानवरों की प्रजातियां अलोप हो चुकी हैं और कई अलोप होने की कगार पर पहुंच चुकी है। इनकी स्थिति में सुधार करना जरूरी है, नहीं तो प्रकृति अपना संतुलन गंवा बैठेगी। कोआर्डिनेटर हरचरन ¨सह ने भी विद्यार्थियों को जानवरों की विभिन्न प्रजातियों व इनके रहने के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। ¨प्रसिपल मनजीत कौर, परउपकार ¨सह, मोहन ¨सह, बलकार ¨सह, स्पोर्ट्स कोआर्डिनेटर राज कुमार व अश्विनी कुमार ने विद्यार्थियों के साथ मिल कर जानवरों की सुरक्षा का प्रण लिया।