लैब से 11 जिलों के किसानों को मिलेगा फायदा
मिट्टी की जांच के लिए फरीदकोट में प्रदेश की पहली मृदा माइक्रोस्कोपी प्रीक्षण प्रयोगशाला शुरू हो गई।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
मिट्टी की जांच के लिए फरीदकोट में प्रदेश की पहली मृदा माइक्रोस्कोपी परीक्षण प्रयोगशाला शुरू हो गई है। 80 लाख रुपये की लागत से तैयार इस प्रयोगशाला का सीधा लाभ प्रदेश के 11 जिलों के किसानों को मिलेगा। कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा स्थापित किए गए लैब का औपचारिक उद्घाटन मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार व फरीदकोट के विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लो द्वारा किया गया।
ढिल्लों ने बताया कि यह एक आधुनिक मृदा परीक्षण मशीन है, यह स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक के माध्यम से मिट्टी में पाए जाने वाले बड़े और छोटे तत्वों की मात्रा का परीक्षण करती है। एक बार में इस मशीन में 1 घंटे के अंदर 60-80 मिट्टी के सैंपलों का परीक्षण किया जा सकता है। इस आधुनिक मशीन की लागत लगभग 80 लाख रुपये है और यह मशीन जर्मनी से आयात की गई है।
यह मशीन कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा फरीदकोट जिले के मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में स्थापित की गई है जो कि फरीदकोट के अलावा प्रदेश 11 अन्य जिलों के किसानों को उनके खेतों की मिट्टी में मौजूद तत्वों के बारे में जानकारी देने के लिए खरीफ के मौसम के दौरान स्थापित की गई है। यहां पर किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाकर जरूरत के अनुरूप उर्वरकों का संतुलित प्रयोग कर सकेंगे।
उन्होंने राज्य में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए किसानों को धन्यवाद दिया और कहा कि पंजाब सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए बड़ी संख्या में कृषि उपकरण उपलब्ध कराए हैं, जिससे प्रदूषण कम हुआ है।
उद्घाटन समारोह के दौरान पवन गोयल अध्यक्ष जिला योजना समिति, गिदरजीत सिंह सेखों अध्यक्ष मार्केट कमेटी, जगदीश ग्रोवर सहायक निदेशक कृषि विज्ञान केंद्र, अमनदीप केशव परियोजना निदेशक, यदविदर सिंह, रणवीर सिंह, डाक्टर शरणदीप संधू एडी और ब्लाक कृषि अधिकारी दविदर सिंह उपस्थित रहे। इनसेट
उर्वरकों का अनावश्यक प्रयोग बंद होगा : बलदेव सिंह
विभाग के संयुक्त निदेशक कृषि (इनपुट्स), डाक्टर बलदेव सिंह ने कहा कि किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरकों का उपयोग कर अनावश्यक उर्वरकों के उपयोग को कम कर सकते हैं। खेती की लागत को कम कर कृषि व्यवसाय को लाभदायक बना सकते हैं। इनसेट
मिंट्टी में पोषक तत्वों की कमी का चलेगा पता : डा. रोड़ा
मुख्य कृषि अधिकारी डाक्टर हरनेक सिंह रोडे ने कहा कि लैब से किसान अपने खेत की मिट्टी जांच और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत खरीफ फसल की बिजाई करें। इससे उन्हें पता चला सकेगा कि उनके खेत में किन-किन पोषक-तत्वों की कमी और और किन पोषक तत्वों की फसल के अनुरूप जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसान मिट्टी की जांच के लिए सैंपल खुद ही ला सकता है। इस मौके पर पराली को आग न लगाने वाले जिले के 72 किसानों को प्रशंसापत्र देकर सम्मानित भी किया गया।