परहेज व सावधानी मधुमेह से बचाव का रास्ता : डॉ. आनंद
अंत में स्कूल चेयरमैन इंजीनियर चमन लाल गुलाटी तथा प्रधानाचार्या पूनम विलम्बे ने मेहमानों को सम्मानित किया तथा अपना कीमती समय निकालकर बच्चों व स्टाफ को महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने हेतु धन्यवाद भी किया7
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय माउंट लिटरा जी स्कूल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान विषय माहिरों द्वारा स्कूल विद्यार्थियों व स्टाफ को मधुमेह की बीमारी से बचाव के बारे में जानकारी दी गई।
मुख्य वक्ता लायंस क्लब के सदस्य डॉ. आरके आनंद ने बताया कि विश्व मधुमेह दिवस को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 1991 में शुरू किया गया था। प्रत्येक वर्ष डायबिटीज डे का अलग लक्ष्य होता है, इस वर्ष मधुमेह दिवस का लक्ष्य है डायबिटीज के विषय में लोगों को शिक्षित करना। उन्होंने बताया कि यदि किसी को डायबिटीज की समस्या हो जाती है, तो इसे पूरी तरह से ठीक कर पाना असंभव है, लेकिन यदि थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इससे होने वाले खतरों से बचाव किया जा सकता है। डायबिटीज कई बार प्राकृतिक या आनुवांशिक कारणों से होती है।
डायबिटीज होने के दो कारण हैं, पहला शरीर में इन्सुलिन का बनना बंद हो जाए या फिर शरीर में इन्सुलिन का प्रभाव कम हो जाये। दोनों ही परिस्थितियों में शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए। यह रोग उम्र के आखिरी पड़ाव तक बना रहता है, इसलिए इसके खतरों से बचे रहने के लिए जरूरी है सावधानी बरतने की। स्कूल चेयरमैन इंजीनियर चमन लाल गुलाटी तथा प्रधानाचार्या पूनम विलम्बे ने मेहमानों को सम्मानित किया तथा अपना कीमती समय निकालकर बच्चों व स्टाफ को महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने हेतु धन्यवाद भी किया।