Move to Jagran APP

गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, भाषा पढ़ाने वालों के लिए कोई चुनावी ड्यूटी नहीं

स्कूल शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगाने के विवाद में राज्य के स्कूल है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 09:54 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 09:54 PM (IST)
गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, भाषा पढ़ाने वालों के लिए कोई चुनावी ड्यूटी नहीं

संवाद सहयोगी, फरीदकोट

loksabha election banner

स्कूल शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगाने के विवाद में राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि स्कूलों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक अध्ययन, पंजाबी और हिदी पढ़ाने वाले शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर नहीं रखा जाए।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने शुक्रवार को सभी डीसी और जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को लिखा कि उनके स्थान पर स्कूलों में गैर शिक्षण कर्मचारियों को एक विकल्प के रूप में प्रदान किया जाए। विभाग ने निर्णय लिया है कि शिक्षण स्टाफ को अवकाश एवं गैर शिक्षण दिवस पर नामावली पुनरीक्षण एवं निर्वाचन कार्यों की ड्यूटी पर लगाया जाएगा। शिक्षक को आमतौर पर शिक्षण दिवसों और शिक्षण घंटों के भीतर ड्यूटी पर नहीं लगाया जाना चाहिए। सचिव ने कहा कि गैर-शिक्षण कर्मचारियों को किसी भी दिन या किसी भी समय इस तरह की ड्यूटी पर रखा जा सकता है।

शिक्षण स्टाफ के मामले में, व्यावसायिक शिक्षकों को जहां कहीं भी उपलब्ध हो, चुनाव ड्यूटी के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। यदि संबंधित विषय में छात्रों की संख्या पांच से कम है या वैकल्पिक रूप से यदि स्कूल के प्रधानाध्यापक यह निर्णय लेते हैं कि व्यावसायिक शिक्षकों को प्रदान किया जा सकता है चुनाव ड्युटी के लिए यदि शिक्षण कर्मी पर्याप्त नहीं हैं और शिक्षण स्टाफ को चुनाव ड्यूटी पर रखना आवश्यक है। तो वे सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार स्कूल के घंटों के दौरान यह कर्तव्य नहीं करेंगे। ऐसे शिक्षक छुट्टी के समय या छुट्टियों के दौरान ड्यूटी करेंगे। सचिव ने लिखा, इन शिक्षकों को बाद में अवकाश के रूप में उचित मुआवजा दिया जाएगा।

जहां तक गैर-शिक्षण कर्मचारियों का संबंध है, उन्हें स्कूल टाईम के दौरान भी बीएलओ (बूथ स्तरीय अधिकारी) चुनाव कर्तव्यों के लिए राहत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में इन कर्तव्यों को चुनौती देने वाले शिक्षकों और कई शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी सौंपे जाने के विवाद को लेकर अदालतों ने पहले निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने फरवरी 2015 में कहा था कि दस साल की जनगणना, आपदा राहत कर्तव्यों या संबंधित कर्तव्यों के अलावा किसी भी गैर-शैक्षिक उद्देश्य के लिए किसी भी शिक्षक को तैनात नहीं किया जाएगा। हालांकि, कई बार गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए स्कूल शिक्षकों की तैनाती होती है, जो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। इस कारण से, शिक्षा विभाग को कई कानूनी नोटिस प्राप्त हुए हैं। जब भी अदालत के आदेशों का उल्लंघन होता है, तो विभाग को अवमानना कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। छात्रों के अध्ययन और शिक्षा के अधिकार को ध्यान में रखते हुए, विभाग ने निर्णय लिया है कि मुख्य विषय के शिक्षकों को इन कर्तव्यों से छूट दी जाए।

यह सुनिश्चित करना डीईओ का कर्तव्य होगा कि किसी भी शिक्षक को शिक्षा का अधिकार अधिनियम- चुनाव कार्य, आपदा प्रबंधक और जनगणना कार्य विभाग के निदेशक के अनुमोदन के बिना किसी भी गैर-शिक्षण कार्य पर न लगाया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.