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जिले की पौने दो फीसद आबादी का हुआ वैक्सीनेशन

सैंपलिंग और वैक्सीनेशन पर फोकस। यह थीम वर्तमान समय में जिला में वैक्सीनेशन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 06:03 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 06:03 AM (IST)
जिले की पौने दो फीसद आबादी का हुआ वैक्सीनेशन

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट

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सैंपलिंग और वैक्सीनेशन पर फोकस। यह थीम वर्तमान समय में जिला प्रशासन व सेहत विभाग की है। सरकारी मशीनरी ज्यादा से ज्यादा संख्या में सैंपलिग व वैक्सीनेशन पर अपनी पूरी ताकत झोक रखी है, आलम यह है कि मेडिकल कालेज ने अपनी ओपीडी सेवा बंद कर दी है, जबकि सेहत विभाग का अधिकांश मैनपावर सैंपलिग व वैक्सीनेशन में लगा हुआ है, ताकि लोगों को महामारी से बचाने के साथ ही उन्हें सेहतमंद किया जा सके।

एक ओर दवाई व कड़ाई चल रही है, तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमित लोगों को समाज का प्रबुद्ध वर्ग उत्साहजनक व आशावादी संदेशों से सराबोर कर रहा है, ताकि महामारी की चपेट में आए लोग निराश न हों और हौसले से बीमारी को मात दें। कुछ समय पहले तक कोरोना सैंपलिंग व वैक्सीनेशन को लेकर जो भ्रांतियां समाज में दिखाई दे रही थी, अब वह दूर हो गई हैं, लोग स्वेच्छा से वैक्सीनेशन व कोरोना टेस्ट के लिए सैंपलिग के लिए आगे आ रहे हैं, जिसका परिणाम है कि जिले की कुल आबादी का दो फीसद से ज्यादा लोगों की अब तक कोरोना सैंपलिग और 91 हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेशन का काम पूरा हो चुका है।

डिप्टी कमिश्नर विमल कुमार सेतिया व सिविल सर्जन डाक्टर संजय कपूर ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में सैंपलिग और वैक्सीनेशन हो, उन्हें खुशी है कि जिले के लोग व संगठन इसमें आगे बढ़कर काम कर रहे है, सभी के सहयोग से हम सभी इस महामारी को मात देने में जरूर सफल होंगे। डाक्टर संजय कपूर ने बताया कि जिले में रोजाना 86 स्थलों पर वैक्सीनेशन का नियमित रूप से चल रहा है, सरकारी अस्पतालों में यह वैक्सीन पूरी तरह से फ्री हैं, जबकि निजी अस्पतालों में इसका चार्ज 250 रुपये है। बाक्स-

आज जिले लगी कोरोना वैक्सीन-1837,

-हेल्थ वर्करों को पहली डोज 26

-हेल्थ वर्करों को दूसरी डोज 31

-फ्रंट लाईन वर्करों को पहली डोज-331

-फ्रंट लाईन वर्करों को दूसरी डोज-77

-45 से 59 को पहली डोज-463

-45 से 59 को दूसरी डोज-178

-सीनियर सिटीजनों को लगी पहली डोज-328

-सीनियर सिटीजनों को लगी दूसरी डोज-253

-18 से 44 उम्र के लोगों को लगी पहली डोज-160 अब तक प्रयोग हुई कोरोना वैक्सीन की कुल शीशी-9084

- कोवाशील्ड-8407

- कोवासीन-645

-18 से 44 को 32 बाक्स-

अब तक कुल 91491 डोज वैक्सीन की लोगों को जिले चुकी है

- हेल्थ वर्करों को पहली डोज - 6247

- हेल्थ वर्करों को दूसरी डोज- 4141

- फ्रंट लाईन वर्करों को पहली डोज-9725

- फ्रंट लाईन वर्करों को दूसरी डोज-2198

-45 से 59 को पहली डोज-29971

-45 से 59 को दूसरी डोज-3857

-सीनियर सिटीजनों को लगी पहली डोज-30119

-सीनियर सिटीजनों को लगी दूसरी डोज-4917

-18 से 44 आयु वर्ग को लगी पहली डोज-316

बाक्स-

12 मई को जिले में कोरोना महामारी की स्थित-

नए मरीज:202,

कुल मरीज: 9660,

एक्टिव मरीज: 1607,

स्वस्थ हुए मरीज: 7886,

नई मौत:4,

आज स्वस्थ हुए: 123,

कुल मौते: 167,

कुल सैंपलों की हुई जांच-121406,

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बाक्स-

12 अप्रैल को जिले में कोरोना महामारी की स्थित-

नए मरीज:34,

कुल मरीज: 5590,

एक्टिव मरीज: 565,

स्वस्थ हुए मरीज: 4925,

नई मौत: 2,

आज स्वस्थ हुए: 94,

कुल मौते: 100,

कुल सैंपलों की हुई जांच-89535,

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बाक्स-

12 अप्रैल से 12 मई के मध्य रोजाना 135 नए संक्रमित और दो से ज्यादा लोगों की हुई मौत-

फरीदकोट जिले में 12 अप्रैल से 12 मई के मध्य कुल 4070 कोरोना संक्रमित मरीज मिले, जबकि इस दौरान 67 लोगों की मौत हुई। औसतन रोजाना महामारी की चपेट में आने से 135 नए संक्रमित और दो से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। यह स्थित चिताजनक है, इसके सुधार की दिशा में सरकारी मशीनरी तो काम कर रही है, परंतु लोगों के सहयोग से ही इस महामारी को रोका जा सकता है।

बाक्स-

वर्तमान समय में यह करे-

-संयम बनाए रखें और धैर्य से काम लें, निश्चित ही जल्द सब कुछ जल्द सामान्य होगा।

-अपने आस-पास सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें, सिचुएशन को पैनिक न करें और ना ही डर अपने पर हावी होने दें, नकारात्मक सूचनाओं से दूरी बनाए, सकारात्मक सोच को बढ़ावा दें।

-कोरोना एक युद्ध क्षेत्र है, और किसी एक साथी के चले जाने से हम कमजोर नहीं पड़ेंगे, बल्कि हम दोगुनी ताकत से लड़ेंगे और इस युद्ध में विजयी होंगे, दु.ख से कहीं ज्यादा जरूरी स्वयं, परिवार को और समाज को सुरक्षित रखना हैं।

-जितना हो सके लोगों की मदद करे, जरूरतमंदों की सहायता करें. ध्यान रहे कि हमसे किसी एक कि मदद करते हुए किसी दूसरे का नुकसान नहीं हो, हमारे सेवाभाव में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव इन परिस्थितियों में नहीं रहे।

-इंटरनेट मीडिया मीडिया इन दिनों मदद का एक बेहतर माध्यम बना हुआ है, इसका उपयोग स्थितियों को ओर सुधारने के लिए करे न कि अनर्गल व पैनिक कंटेंट फैलाने स. बचे, सकारात्मक संदेशों को आगे भेजे।

-लोगों को कोरोना टेस्ट और वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करे, जितने ज्यादा टेस्ट होंगे, उतने ही महामारी के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। वैक्सीनेशन से जुड़े भ्रामक प्रचार और मिथ्य का जिम्मेदारी से खंडन करे और जनमानस में इसे लेकर सकारात्मक जनजागृति फैलाएं।


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