Move to Jagran APP

भगवान वाल्मीकि हैं संस्कृत के आदि कवि

भगवान वाल्मीकि का जन्मदिन श्रद्धाभाव से मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 10:13 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 10:13 PM (IST)
भगवान वाल्मीकि हैं संस्कृत के आदि कवि
भगवान वाल्मीकि हैं संस्कृत के आदि कवि

जासं, फरीदकोट

loksabha election banner

भगवान वाल्मीकि का जन्मदिन श्रद्धाभाव से मनाया गया। भगवान वाल्मीकि मंदिरों में सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा है। इस दौरान जगह-जगह पर लंगर व कीर्तन का भी आयोजन किया गया।

हर वर्ष आश्विन पूर्णिमा के दिन वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। इस दिन मंदिरों ने महर्षि वाल्मीकि की विशेष पूजा की जाती है और जगत के कल्याण की कामना की जाती है। उन्होंने रामायण महाकाव्य की भी रचना की थी, इस वजह से उनको संस्कृत के आदिकवि की उपाधि प्राप्त है।

भाजपा जिला अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा कोटकपूरा व फरीदकोट में वाल्मीकि मंदिर में नतमस्तक हुए। उन्होंने बताया कि भगवान वाल्मीकि संस्कृत के आदिकवि यानी प्रथम कवि हैं। उन्होंने संस्कृत में महाकाव्य रामायण की रचना की, जिसमें 24 हजार श्लोक हैं। संस्कृत रामायण को वाल्मीकि रामायण भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार महर्षि वाल्मीकि नदी के किनारे क्रौंच पक्षी के जोड़े को प्रेमालाप करते देख रहे थे। तभी एक बहेलिए ने नर क्रौंच पक्षी को मार दिया, जिससे मादा पक्षी विलाप करने लगी। यह देखकर वाल्मीकि जी बहुत दुखी हुए। क्रोधवश उनके मुख से बहेलिए के लिए कुछ शब्द निकले, जो संस्कृत में थे।

मां निषाद प्रतिष्ठां त्वमगम: शाश्वती: समा:।

यत्क्रौंचमिथुनादेकम् अवधी: काममोहितम् ।।

इसका अर्थ है कि तुमने प्रेमालाप करते इस क्रौंच पक्षी की हत्या की है। तुझे कभी प्रतिष्ठा नहीं मिलेगी, तुझे भी वियोग झेलना होगा। एक तरह से वाल्मीकि जी ने उसे श्राप दिया। उसके बाद ही वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना की। --------------- भगवान वाल्मीक जी की महिमा का किया बखान

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

भगवान वाल्मीकि जी के प्रकाश उत्सव पर थांदेवाला रोड पर बस्ती में धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया। विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी के पीए हरविदर सिंह व सर्कल अध्यक्ष मनिदर सिंह मेहंदी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। वाल्मीकि भाईचारे की ओर से मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया।

हरविदर सिंह ने भगवान वाल्मीकि जी के प्रकाश पर्व पर उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वाल्मीकि जी संस्कृति स्लोक के प्रथम निर्माता हैं व उनके द्वारा लिखित संपूर्ण रामायण पूरे संसार में प्रसिद्ध है। विधायक रोजी बरकंदी द्वारा भेजी गई सहायता राशि वाल्मीकि भाईचारे को भेंट की।

इस अवसर पर जगतार सिंह रुपाणा, संतोख सिंह प्रधान मजदूर यूनियन, परमजीत सिंह चौहान, गुरप्रीत सिंह, जसपाल सिंह, वकील सिंह, जगसीर सिंह, बचन सिंह, हरीचंद सिंह आदि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.