पुरातन सभ्याचार को समर्पित रहा पहला दिन
बाबा शेख फरीद जी के आगमन पर्व का शुभारंभ बुधवार को स्थानीय गुरुद्वारा टिल्ला बाबा फरीद में श्री सुखमणि साहिब जी के पाठ व सरबत के भले की अरदास से किया गया।
जागरण संवाददाता,फरीदकोट : बाबा शेख फरीद जी के आगमन पर्व का शुभारंभ बुधवार को स्थानीय गुरुद्वारा टिल्ला बाबा फरीद में श्री सुखमणि साहिब जी के पाठ व सरबत के भले की अरदास से किया गया। आगमन पर्व के दौरान अगले पांच दिन तक हर रोज शहर के विभिन्न स्थानों पर साहित्य समागम, सभ्याचारक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, खेल प्रतियोग्यताएं, नाटक मुकाबले, कवि दरबार, मुशायरा, कवालियां व बाबा फरीद की शिक्षाओं के बारे में सेमिनार करवाए जाएंगे। मेले का पहला दिन पुरातन सभ्याचार को समर्पित रहा।
12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद जी के आगमन पर्व को मनाने संबंधी गुरूद्वारा टिल्ला बाबा फरीद में आयोजित समागम में बाबा फरीद धार्मिक व विद्यक संस्थाओं के मुख्य सेवादार इंद्रजीत ¨सह खालसा, सेवादार महीप इंद्र ¨सह सेखों, समाजसेवी सु¨रदर गुप्ता, ¨प्रसिपल दलबीर ¨सह, प्रो. ब्रह्माजगदीश ¨सह, द¨वदर ¨सह पंजाब मोर्ट्ज समेत भारी संख्या में संगत ने भाग लिया। इस मौके पर मुख्य सेवादार इंद्रजीत ¨सह खालसा ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि हर मनुष्य को बाबा फरीद जी के जीवन व उनकी बानी से प्रेरणा लेते हुए समाज भलाई के कार्य करने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा फरीद जी जिनका पूरा जीवन सादगी, रुक्खी मिस्सी खाने व यहां तक कि बुरा का भला करने का महान उपदेश दिया, की शिक्षा पर चलते हुए ऐसे समाज की स्थापना करनी चाहिए जिसकी हम सभी कामना करते हैं। उन्होंने लोगों को बाबा फरीद जी के आगमन पर्व की बधाई देते हुए सभी कार्यक्रमों में शांतिपूर्वक भाग लेने की आहवान किया। न्होंने कहा कि इस वर्ष पांच दिवसीय आगमन पर्व को बड़ी श्रद्धा से सूफियाना रूप प्रदान किया गया है और इस मेले के दौरान बाबा फरीद जी की बानी व सूफीआना क्लाम से संगतों को जागरूक किया जाएगा।