मुलाजिमों और पेंशनरों ने फूंकी बजट की कॉपियां
राज्य के वित्तमंत्री ने अपने तीसरे बजट में भी चुनावों के समय 5 लाख मुलाजिमों और 4 लाख पैंशनरों के साथ किए गए वादों समेत जाजय मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज करने के रोश स्वरूप बुधवार को पंजाब यूटी मुलाजिम एंड पैंशनर संघर्ष कमेटी जिला फरीदकोट की तरफ से डीसी दफ्तर के समक्ष रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मुलाजिमों व पैंशनरों द्वारा बजट की कापियां फूंककर वित्तमंत्री व पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट :
प्रदेश सरकार के वित्तमंत्री ने अपने तीसरे बजट में भी चुनावों के समय पांच लाख मुलाजिमों और चार लाख पेंशनरों के साथ किए वादों समेत जायज मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। इसी के रोष स्वरूप बुधवार को पंजाब यूटी मुलाजिम एंड पेंशनर संघर्ष कमेटी ने डीसी दफ्तर के समक्ष रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान मुलाजिमों व पेंशनरों द्वारा बजट की कॉपियां फूंककर वित्तमंत्री और पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
इस मौके पर पंजाब यूटी मुलाजिम और पेंशनर संघर्ष कमेटी के प्रमुख नेताओं अशोक कौशल, ज¨तदर कुमार, किरण प्रकाश मेहता, अमरीक ¨सह संधू ,प्रेम चावला, अमरजीत ¨सह वालिया, नछतर ¨सह भाणा, सुखदेव ¨सह मल्ली, वीरइंद्रजीत ¨सह पुरी, गुर¨वदर ¨सह विर्क समेत विभिन्न विभागों के कर्मचारी जत्थेबंदियों के नेताओं ने कहा कि वित्तमंत्री की तरफ से पेश बजट प्रस्तावों में मुलाजिम वर्ग के साथ भद्दा मजाक है, जिसका समय आने पर उपयुक्त जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने अपने बजट में मुलाजिमों व पेंशनरों की लंबित मांगों का कोई जिक्र ही नहीं किया, जिससे रोष बढ़ गया है। इस दौरान सरकार से ठेका आधारित, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, एडहाक और वर्कचार्ज आधार और 10-10 साल से आर्थिक लूट का शिकार मामूली वेतन पर काम कर रहे मुलाजिमों को पक्का करने, माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले मुताबिक बराबर काम बदले बराबर वेतन को लागू करने, महंगाई भत्ते की पिछले दो साल से रूकी चार किश्तों और बकाया जारी करने, 6वें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, अध्यापकों को पूरे वेतन पर रेगुलर करने के साथ-साथ 1-1-2004 के बाद भर्ती मुलाजिमों पर पुरानी पेंशन लागू करने की मांगें रखी गई। उन्होंने रोष जताया कि सरकार अमीर लोगों को तो बिजली सब्सिडी दे सकती है, परंतु सरकारी स्कूलों के बिजली के बिल माफ नहीं कर सकती, जहां पर गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि 28 फरवरी को संघर्ष कमेटी की मुख्यमंत्री के साथ होने वाले बैठक सफल नहीं हुई तो आने वाले दिनों में मंत्रियों के आवास का घेराव शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर जसमेल ¨सह, जगजीत ¨सह मचाकी, भरत चावला, कुलवंत ¨सह चानी, सुखमंदर ¨सह, सुखचरण ¨सह, गुरचरण ¨सह मान, लख¨वदर ¨सह, सोमनाथ अरोड़ा, सुखदर्शन ¨सह गिल, अवतार ¨सह, हाकम ¨सह, रेखा रानी व तरसेम नरूला आदि ने भी विचार रखे।