बरगाड़ी कांड के बाद पहली बार कड़ी सुरक्षा के बीच खुले मैदान में जुटे डेरा प्रेमी, बिट्टू को दी श्रद्धांजलि
बरगाड़ी बेअदबी कांड के चार साल बाद यहां की अनाज मंडी में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने पहली बार खुले मैदान में नाम चर्चा की।
कोटकपूरा [राजीव शर्मा]। बरगाड़ी बेअदबी कांड के चार साल बाद यहां की अनाज मंडी में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने पहली बार खुले मैदान में नाम चर्चा की। मौका था बरगाड़ी बेअदबी कांड में आरोपित जेल में बंद डेरा समर्थक महिंदरपाल बिट्टू के भोग समागम का। इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए यहां चप्पे-चप्पे पुलिस बल तैनात था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।
समागम में पंजाब के अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में डेरा समर्थकों ने हिस्सा लिया। बता दें कि गत 22 जून को नाभा जेल में बिट्टू की हत्या के बाद से यहां तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। बिट्टू डेरा की प्रांतीय कमेटी के सदस्य थे।
समागम में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के वाइस चेयरमैन जगजीत सिंह इंसा, 7 ब्रह्मचारियों के साथ-साथ 45 सदस्यीय प्रांतीय कमेटी के सदस्यों ने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिंदर बिट्टू को बेअदबी के झूठे और बेबुनियाद केस में फंसा कर जेल में मरवा दिया लेकिन आज उन्हें श्रद्धांजलि देने उमड़ी भीड़ इस दाग को धो डाला है। उन्होंने संकल्प लिया गया कि डेरा सिरसा को भले ही कितनी भी कुर्बानियां देनी पड़े, वह सच का मार्ग कभी नहीं छोड़ेंगे।
डेरेे के राजनीतिक विंग के चेयरमैन राम सिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है कि सही मार्ग पर चलने वालों को अनेकों कठिनाई का सामना करना पड़ता है और कुछ ऐसा ही डेरा सिरसा को झेलना पड़ रहा है। डेरेे की ओर से एक दो नहीं बल्कि जनसेवा के 134 तरह के प्रकल्प चलाए जा रहे हैंं लेकिन हम पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं जिनके बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं।
22 June को नाभा जेल में कर दी गई थी बिट्टू की हत्या
बता दें कि बरगाड़ी मामले में बनी SIT ने 7 जून, 2018 को डेरा की प्रांतीय कमेटी के सदस्य महिंदरपाल बिट्टू को बरगाड़ी बेअदबी मामले में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से गिरफ्तार किया था। तब केस के CBI के पास होने के चलते SIT ने अपनी रिपोर्ट CBI को सौंप दी थी। CBI ने उन्हें जुलाई 2018 में रिमांड पर लिया, लेकिन बाद में चालान पेश नहीं किया। इस कारण बिट्टू को केस में जमानत मिल चुकी थी, लेकिन मोगा व कोटकपूरा में उसके खिलाफ दर्ज दो अन्य मामलों की वजह से वह जेल में बंद था। 22 जून को नाभा जेल में महिंदर बिट्टू की हत्या कर दी गई थी।