80 लोगों को डेंगू ने मारा डंक, सिविल अस्पताल में बनाया अलग वार्ड
डेंगू के बढ़ते मामले को देखकर सेहत विभाग सचेत हो गया है। विभाग ने सभी अस्पतालों में अलग से डेंगू वार्ड बनाने के निर्देश जारी कर दिए है।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट : डेंगू के बढ़ते मामले को देखकर सेहत विभाग सचेत हो गया है। विभाग ने सभी अस्पतालों में अलग से डेंगू वार्ड बनाने के निर्देश जारी कर दिए है। साथ में सेहत विभाग की टीमों को सक्रिय होने के निर्देश दिए हैं। फरीदकोट में सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में लगभग 80 लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। फरीदकोट सिविल अस्पताल में बनाए गए डेंगू वार्ड के बारे में एसएमओ डाक्टर चंद्रशेखर कक्कड़ ने बताया कि मच्छर जनित बीमारी डेंगू होने से लोगों के शरीर में तेजी से प्लेटलेट़्स कम होता है। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलग से एक वार्ड बनाया गया है, जहां वर्तमान समय में दाखिल दस डेंगू के मरीजों का उपचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि लोग अपने आसपास पानी न जमा होने दें और पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने। यह मच्छर सामान्यत: जमा हुए साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर तुंरत अपना उपचार करवाएं।
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डेंगू के लक्षण-
--शुरुआती लक्षणों में सामान्य बुखार होता है
-डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार हो जाता है
-सिर दर्द होने लगता है। मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है
-जी मिचलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द, ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते होने लगते हैं
-इन लक्षणों में से कम से कम दो लक्षण डेंगू संक्रमित के जरूर होते हैं।
तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है,
- हल्का डेंगू बुखार
-डेंगू रक्तस्त्रावी बुखार
-डेंगू शाक सिड्रोम।
-हल्का डेंगू बुखार - इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।
-डेंगू रक्तस्त्रावी बुखार - लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।
-डेंगू शाक सिड्रोम - यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।