खस्ताहाल सड़कों ने बिगाड़ी लोगों की सेहत, शहर की सूरत
स्थानीय सादिक रोड की हालत बीते काफी समय से खराब चल रही है। इस रोड पर से गु•ारने वाले सैंकड़ें गाँव वासियों फरीदकोट छावनी सादिक मंडी गुरू हरसहाए जलालाबाद और फाजिलका आदि शहरों को जाने वाली सादिक रोड काफी समय पहले नया सीवरेज डालने के लिए खोदी गई थी।
एलेक्स डिसूजा,फरीदकोट,
स्थानीय सादिक रोड की हालत बीते काफी समय से खराब चल रही है। इस रोड पर से गु•ारने वाले सैंकड़ें गाँव वासियों, फरीदकोट छावनी, सादिक मंडी, गुरू हरसहाए, जलालाबाद और फाजिलका आदि शहरों को जाने वाली सादिक रोड काफी समय पहले नया सीवरेज डालने के लिए खोदी गई थी। इस रोड पर बने गुरू गोबिद सिंह मैडिकल अस्पताल व कालेज, नर्सिंग कालेज, बाल सुधार घर, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसे•ा, डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ हाऊस, लड़कियों के होस्टल, दुकाने व बैंकों जैसे अहम अदारे स्थित हैं। हर रोज हजारों की संख्या में आम लोगों और इन अदारों के स्टाफ मैंबरों के लिए यही सड़क एकमात्र रास्ता है। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी सही ढंग से सीवरेज का तो कार्य पूरा नहीं हो पाया, परंतू लोगों को भारी मुस्बितों का सामना करना पड़ रहा है। सीवरेज के कार्य को दोबारा शुरू कर दिया गया है। जबकि बीते समय मे की गई सड़क की खुदाई अभी तक पूरी तरह भरपाई नहीं हो पाई। जगह जगह पर गड्डे पड़े हुए हैं।
आजकल अब जब दोबारा सीवरेज का कार्य शुरू कर दिया गया है जोकि शहर के लोगो के लिए बहुत ही सराहनीय कार्य है। लेकिन बारिशों के दिनों में इस सड़क से गुजरना मतलब सागर को पार करने जैसा लगता है। टू व्हीलर सवारों के लिए तो यह और भी कठिन हो जाता है। बड़े बड़े ट्रॅक इसी सड़क पर धस जाते हैं, ट्रैफिक जाम हो जाता है और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गुरू गोबिद सिंह मैडिकल
कालेज आने-जाने वाले मरीजों, उनके परिवार वाले व एम्बुलैंस चालक भी भारी कठिनाई का सामना करते हैं। इसके इलावा मैडिकल कैंपस में रहने वाले डाक्टरों व अन्य अस्पताल में कार्य करने वाले जीवन रक्षक अमले को भी आपातकालीन समय में इसी सड़क की दुर्दशा के कारण मैडिकल कालेज व अस्पताल पहुंचने में भारी दिक्कत आती है।
इस अवसर पर परमिदर खालसा ने बताया कि आज मेरी ब्लैरो के साथ ट्राला टकराया था। इसके इलावा गाड़ियों के ऐक्सल व शॉकर आदि भी टूटते रहते है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार को राहगीरों के लिए कोई रास्ता बनाकर देना चाहिए। ताकि किसी को भी किसी किस्म की कोई मुश्किल ना आए, खासतौर पर डॉक्टरों व मैडिकल स्टाफ को अस्पताल में एमरजेंसी ड्यूटी पर आते-जाते समय कोई मुश्किल ना आए।