स्वच्छता रैंकिंग: फरीदकोट नगर कौंसिल ने सूची की जारी, सरकारी दफ्तरों की श्रेणी में डीसी आफिस सबसे साफ
फरीदकोट शहर में स्कूल मोहल्ला बाजार दफ्तर होटल व अस्पताल की स्वच्छता रैंकिंग के लिए एक नवंबर से अभियान शुरू किया था। रैंकिंग में अस्पतालों की श्रेणी में मधु नर्सिंग होम स्कूलों की श्रेणी में बाबा फरीद पब्लिक स्कूल व दशमेश पब्लिक स्कूल समान अंकों के साथ नंबर वन रही।
फरीदकोट, प्रदीप कुमार सिंह। साफ सफाई के मामले में फरीदकोट शहर के विभिन्न श्रेणियों की स्वच्छता रैंकिंग नगर कौंसिल फरीदकोट ने सोमवार दोपहर जारी की है। रैंकिंग में अस्पतालों की श्रेणी में फिरोजपुर रोड स्थित मधु नर्सिंग होम स्कूलों की श्रेणी में बाबा फरीद पब्लिक स्कूल व दशमेश पब्लिक स्कूल समान अंकों के साथ नंबर वन रही। स्वच्छ मोहल्ला में आदर्श नगर वार्ड नंबर 13, सरकारी दफ्तरों की श्रेणी में डीसी दफ्तर और बाजारों की स्वच्छता श्रेणी में मेन बाजार फरीदकोट नंबर वन रहे। नगर कौंसिल फरीदकोट ईओ अमृत लाल व सेनेटरी इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के तहत मिली गाइडलाइन के अनुसार फरीदकोट शहर में स्कूल, मोहल्ला, बाजार, दफ्तर, होटल व अस्पताल की स्वच्छता रैंकिंग के लिए एक नवंबर से अभियान शुरू किया था।
इस अभियान में रैंकिंग की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया था। टीम में सेनेटरी इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर जसवीर कौर, सेनेटरी क्लर्क निर्मल सिंह, अमन कुमार, दीपक कुमार, शेखर कुमार, नवी शामिल थे। सेनेटरी इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह ने बताया कि 200 नंबरों की इस रैंकिंग में उन प्रतिष्ठानों को स्थान दिया गया, जिन्होंने नगर कौंसिल के स्वच्छता अभियान में किसी न किसी रूप में अपना सहयोग दिया। इन छह श्रेणियों में परिसर के अंदर व बाहर की स्वच्छता, कूड़े के रखरखाव व उसके निस्तारण, सड़क से प्रतिष्ठान तक आवागमन आदि का विशेष रूप से निरीक्षण किया गया। स्वच्छता रैंकिंग में जिन छह श्रेणियों में नंबर वन का ताज मिला है, वह सभी फरीदकोट शहर में अपनी-अपनी श्रेणियों में साफ सफाई के मद्देनजर नंबर वन है।
उन्होंने बताया कि फरीदकोट नगर कौंसिल पिछले साल स्वच्छता के मामले में प्रदेश में नंबर दो पर रहा था। इस बार लोगों के सहयोग से नंबर वन का ताज हासिल करना है। इसके लिए सभी को अपने आसपास साफ-सफाई के साथ ही कूड़ा निस्तारण में अमूल योगदान देना है। फरीदकोट नगर कौंसिल शहरवासियों से अपील करती है कि सभी गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग रखकर सफाई कर्मी को दें, जिससे उसके निस्तारण में मदद मिल सके। सुखपाल ने बताया कि फरीदकोट शहर में गीले कूड़े से जैविक खाद बनाई जा रही है। घर व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद तैयार की जा सकती है। यह खाद पेड़ पौधों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में कारगर है। सुखपाल ने बताया कि कुल गीले कचरे की मात्रा 60 फीसद तक होती है। यदि सभी लोग गीले कचरे से जैविक खाद बनाना शुरू कर दें तो समस्या के समाधान में यह अहम हथियार साबित होगी।