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जीरकपुर नगर परिषद ने आउटडोर विज्ञापन डिस्पले को मांगे आवेदन, पुरानी कंपनी के साथ अनुंबध हुआ खत्म

इससे पहले जीरकपुर नगर परिषद ने डीग्राफिक्स नामक एजेंसी का अनुबंध था। ये अनुबध तीन साल के लिए 2.06 करोड़ की लागत से तीन साल की अवधि के लिए 2016 में किया गया था जोकि सितंबर 2019 में समाप्त हो गया था। परिषद ने इसे 30 2020 तक बढ़ाया था।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 09:55 AM (IST)
जीरकपुर नगर परिषद ने आउटडोर विज्ञापन डिस्पले को मांगे आवेदन, पुरानी कंपनी के साथ अनुंबध हुआ खत्म
जीरकपुर नगर परिषद ने इस बार विज्ञापन से पैसे कमाने की तैयारी की जा रही है।

जीरकपुर (मोहाली), जेएनएन। जीरकपुर नगर परिषद ने करीब एक साल के बाद कंपनियों को विज्ञापन डिस्पले करने के लिए आमंत्रित किया है। परिषद ने यूनिपोल और अन्य आउटडोर विज्ञापन डिस्पले करने के लिए आवेदन मांगे है। विज्ञापन की चाहवान कंपनियां जीरकपुर, लालडू, डेरा बस्सी और बनूड़ में भी विज्ञापन लगा सकेगी। ध्यान रहे कि मोहाली नगर निगम को इस बार कोरोना महामारी के चलते विज्ञापनबाजी से होने वाली आमदन में घाटा पड़ गया है। स्थानीय निकाय विभाग की ओर से विज्ञापन कंपनियों को टैक्स भी माफ किया है। लेकिन जीरकपुर नगर परिषद ने इस बार विज्ञापन से पैसे कमाने की तैयारी की जा रही है।

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इससे पहले जीरकपुर नगर परिषद ने डीग्राफिक्स नामक एजेंसी का अनुबंध था। ये अनुबध तीन साल के लिए 2.06 करोड़ की लागत से तीन साल की अवधि के लिए 2016 में किया गया था, जोकि सितंबर 2019 में समाप्त हो गया था। परिषद ने इसे 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया था। जून के बाद फिर से नगर परिषद की ओर से कंपनी को चार सप्ताह तक की एक्सटेंशन दी गई। जोकि बीते सितंबर में खत्म हो चुकी है। जीरकपुर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि स्थानीय निकाय विभाग से मंजूरी मिल गई है। अब नए सिरे से टेंडर अलाट किए जाएंगे। जिसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

तिवारी ने कहा कि शहर से अवैध होर्डिंग को हटाने के लिए एक अभियान भी शुरू किया गया है। ध्यान रहे कि पंजाब सरकार की ओर आउटडोर नीति 2018 के अनुसार प्रत्येक निगम और परिषद को विज्ञापनों से राजस्व उत्पन्न करने के लिए नई निविदाएं प्रकाशित करने के लिए निर्देशित किया गया है। राजमार्ग पर कई अवैध होर्डिंग्स लगाए गए हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों से कोई प्रभावी अभियान नहीं चलाया गया है। 1995 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सभी उपायुक्तों को राष्ट्रीय और साथ ही राज्य राजमार्गों पर अवैध होर्डिंग्स को हटाने के निर्देश जारी किए थे। क्योंकि ये होर्डिंगस मोटर चालकों का ध्यान आकर्षित करते है जिसके कारण सडक़ दुघर्टनाएं होती है।


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