जवान चालान काटने में व्यस्त रहे, राहगीर बना ट्रैफिक पुलिस
शहर की ट्रैफिक पुलिस वीरवार को जीरो टॉलरेंस डे के नाम पर सड़कों पर चालान काटने में व्यस्त थी, लेकिन इस चक्कर में जवानों ने शहर की यातायात व्यवस्था की ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : शहर की ट्रैफिक पुलिस वीरवार को जीरो टॉलरेंस डे के नाम पर सड़कों पर चालान काटने में व्यस्त थी, लेकिन इस चक्कर में जवानों ने शहर की यातायात व्यवस्था की ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। ताज्जुब तो तब हुआ जब सेक्टर 35 और 36 के चौराहे पर आधे घंटे तक लगे जाम को खुलवाने के लिए खुद एक राहगीर को कमान संभालनी पड़ी। जीरो टॉलरेंस डे के दौरान ट्रैफिक पुलिस के जवान अपना टारगेट पूरा करने में लगे थे। चालान काटने का सिलसिला सुबह आठ से रात आठ बजे तक चला। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर जाम की परवान भी नहीं की।
सेक्टर 35 और 36 के चौराहे पर जाम के दौरान वहां पहुंचे जीरकपुर के नितिन कालरा ने देखा कि आधे घंटे से सड़क के दोनों तक गाड़ियां जाम में फंसी हुई हैं। वहीं ट्रैफिक पुलिस के जवान चालान काटने में जुटे हुए हैं। यह देख कार सवार नितिन ने खुद साहस दिखाया और गाड़ी साइड में लगाकर ट्रैफिक कंट्रोल करने में जुट गए।
नितिन कालरा ने बताया कि वह रोजाना की तरह वीरवार को भी अपने बच्चे को जीरकपुर से सेक्टर-42 स्थित बैटमिंटन गाउंड छोड़ने गए थे। जैसे ही वे सेक्टर 35 और 36 के चौराहे पर पहुंचे, मौके पर लंबा जाम लगा देखा। उन्होंने जाम में फंसी गाड़ियों के चालकों को समझाया। तकरीबन 22 से 25 मिनट में उन्होंने जाम खुलवा पाने में कामयाबी पाई। रात आठ बजे तक पुलिस ने 2700 से अधिक चालान किए, जबकि दो सौ से अधिक वाहनों को इंपाउंड किया। गाड़ी में रखते हैं सीटी
चंडीगढ़ में प्राइवेट जॉब करने वाले नितिन कालरा ने बताया कि वह पिछले कई सालों से कभी-कभी इस तरह के प्रयास कर लेते हैं। वह हमेशा अपनी गाड़ी में ट्रैफिक कंट्रोल करने वाली सीटी भी रखते हैं।