अनोखी पहलः इलाज के साथ ही मरीजों को वोट डालने के लिए जागरूक कर रहे डॉक्टर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े 1400 डॉक्टर अपने जानने वालों के साथ ही मरीजों को वोटिंग के लिए जागरूक कर रहे हैं।
By Edited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 10:25 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 03:03 AM (IST)
जेएनएन, चंडीगढ़। वोटिंग पावर को लेकर अपनाया गया लापरवाह रवैया हमें आने वाले पांच सालों के लिए सिर्फ तनाव और झुंझलाहट देता है। इससे बचाव का बस एक ही तरीका है, हर हाल में अपने वोटिंग पावर का सही इस्तेमाल किया जाना। अगर आपको आगामी पांच साल तक हैपी और हेल्दी रहना है तो मतदान जरूर करें। यह कहना है चंडीगढ़ के डॉक्टरों का, जो दैनिक जागरण की मुहिम मेरा वोट मेरी पहचान से जुड़ गए हैं। उनकी नजर में वोटिंग पावर का इस्तेमाल कर एक मजबूत व्यवस्था को बनाने में अपना योगदान दिया जा सकता है। इसलिए हर हाल में वोट डालें।
वोटिंग की अपील के लिए एसो. ने बनाया एक अलग वाट्सएप ग्रुप
ट्राईसिटी के डॉक्टरों से मुहिम को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता वीणा तिवारी ने मंगलवार को विशेष बातचीत की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े 1400 डॉक्टर अपने जानने वालों के साथ ही मरीजों को वोटिंग के लिए जागरूक कर रहे हैं। एसोसिएशन का एक अलग वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। उसके माध्यम से सभी मेंबर्स से वोटिंग की अपील की जा रही है।
पांच साल में एक बार अपने अधिकार के प्रयोग का अवसर मिलता है। इसे गंवाना खुद को धोखा देने के बराबर है। अगर हमने वोट नहीं किया, तो फिर व्यवस्था को कोसने का अधिकार भी हमें नहीं है।
-डॉ. राजेश धीर, प्रेसिडेंट, आइएमए।
वोटिंग पावर हमारा अधिकार और जिम्मेदारी दोनों है। जब भी हम व्यवस्था को लेकर गुस्सा और विरोध व्यक्त करते हैं, उस वक्त हमें अपने वोटिंग पावर का मतलब समझ आता है। एक बेहतर वातावरण और संतोषजनक व्यवस्था की कल्पना को साकार करने के लिए हमें अपने कर्तव्य के प्रति भी सजग होना होगा। यह सजगता मतदान करके ही दिखाई जा सकती है। इसके लिए हम अपने मरीजों से वो¨टग अपील कर रहे हैं।
-डॉ. रवजीत, ऑर्थोपेडिस्ट।
मैं मरीजों को एक बेहतर राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने में उनके एक-एक वोट का महत्व बताने में लगभग एक महीने से लगी हूं। अगर हम खुद को एक बेहतर नागरिक कहते हैं, तो उसे साबित करने के लिए अपने वोटिंग पावर का सही इस्तेमाल करके दिखाना होगा। अगर मौका चूके तो फिर सिवाय पछताने के और कुछ हाथ नहीं लगेगा। इसलिए वोट की चोट हर हाल में कीजिए।
-डॉ. निवेदिता, आइ स्पेशलिस्ट।
जो व्यक्ति अपने मतदान के अधिकार को लेकर लापरवाह होगा, वह खुद को लेकर भी वैसा ही रवैया रखेगा। इसलिए खुद की बेहतरी के लिए वो¨टग जरूर करें। वोटिंग डे को होलिडे मानकर घर में रहने के बजाय उसे फेस्टिवल की तरह मनाइए। घर के सभी सदस्यों के साथ वोट डालने जाइए और अपने पड़ोसियों को भी इसका महत्व बताए। वोट डालना सांस लेने जितना महत्वपूर्ण है।
-डॉ. वीडी सिंह, पास्ट प्रेसिडेंट, नॉर्थ जोन एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जस ऑफ इंडिया।
मतदान व्यवस्था को बदलने का सबसे बड़ा हथियार है। व्यवस्था से नाखुश होने पर अपने वो¨टग पावर के दम पर चेंज लाने का प्रयास करना चाहिए। यह चेंज बिना मतदान किए संभव नहीं है। मौका आ गया है खुद के साथ सबको जागरूक करने का, तभी एक बेहतर कल में खुलकर सांस लेने का मौका मिलेगा। लोकतंत्र के त्योहार को मनाने के लिए खुद भी जागिए और सबको जगाइए।
-डॉ. विकास, डर्मेटोलॉजिस्ट।
वोटिंग की अपील के लिए एसो. ने बनाया एक अलग वाट्सएप ग्रुप
ट्राईसिटी के डॉक्टरों से मुहिम को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता वीणा तिवारी ने मंगलवार को विशेष बातचीत की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े 1400 डॉक्टर अपने जानने वालों के साथ ही मरीजों को वोटिंग के लिए जागरूक कर रहे हैं। एसोसिएशन का एक अलग वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। उसके माध्यम से सभी मेंबर्स से वोटिंग की अपील की जा रही है।
पांच साल में एक बार अपने अधिकार के प्रयोग का अवसर मिलता है। इसे गंवाना खुद को धोखा देने के बराबर है। अगर हमने वोट नहीं किया, तो फिर व्यवस्था को कोसने का अधिकार भी हमें नहीं है।
-डॉ. राजेश धीर, प्रेसिडेंट, आइएमए।
वोटिंग पावर हमारा अधिकार और जिम्मेदारी दोनों है। जब भी हम व्यवस्था को लेकर गुस्सा और विरोध व्यक्त करते हैं, उस वक्त हमें अपने वोटिंग पावर का मतलब समझ आता है। एक बेहतर वातावरण और संतोषजनक व्यवस्था की कल्पना को साकार करने के लिए हमें अपने कर्तव्य के प्रति भी सजग होना होगा। यह सजगता मतदान करके ही दिखाई जा सकती है। इसके लिए हम अपने मरीजों से वो¨टग अपील कर रहे हैं।
-डॉ. रवजीत, ऑर्थोपेडिस्ट।
मैं मरीजों को एक बेहतर राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने में उनके एक-एक वोट का महत्व बताने में लगभग एक महीने से लगी हूं। अगर हम खुद को एक बेहतर नागरिक कहते हैं, तो उसे साबित करने के लिए अपने वोटिंग पावर का सही इस्तेमाल करके दिखाना होगा। अगर मौका चूके तो फिर सिवाय पछताने के और कुछ हाथ नहीं लगेगा। इसलिए वोट की चोट हर हाल में कीजिए।
-डॉ. निवेदिता, आइ स्पेशलिस्ट।
जो व्यक्ति अपने मतदान के अधिकार को लेकर लापरवाह होगा, वह खुद को लेकर भी वैसा ही रवैया रखेगा। इसलिए खुद की बेहतरी के लिए वो¨टग जरूर करें। वोटिंग डे को होलिडे मानकर घर में रहने के बजाय उसे फेस्टिवल की तरह मनाइए। घर के सभी सदस्यों के साथ वोट डालने जाइए और अपने पड़ोसियों को भी इसका महत्व बताए। वोट डालना सांस लेने जितना महत्वपूर्ण है।
-डॉ. वीडी सिंह, पास्ट प्रेसिडेंट, नॉर्थ जोन एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जस ऑफ इंडिया।
मतदान व्यवस्था को बदलने का सबसे बड़ा हथियार है। व्यवस्था से नाखुश होने पर अपने वो¨टग पावर के दम पर चेंज लाने का प्रयास करना चाहिए। यह चेंज बिना मतदान किए संभव नहीं है। मौका आ गया है खुद के साथ सबको जागरूक करने का, तभी एक बेहतर कल में खुलकर सांस लेने का मौका मिलेगा। लोकतंत्र के त्योहार को मनाने के लिए खुद भी जागिए और सबको जगाइए।
-डॉ. विकास, डर्मेटोलॉजिस्ट।
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