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शीतकालीन सत्र आज से, सरकार जीएसटी को बनाएगी ढाल

-किसान कर्ज माफी और पेंशन पर सरकार को घेरेगा विपक्ष -शिरोमणि अकाली दल व आम आदमी पार्टी

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Nov 2017 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 26 Nov 2017 07:22 PM (IST)
शीतकालीन सत्र आज से, सरकार जीएसटी को बनाएगी ढाल

-किसान कर्ज माफी और पेंशन पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

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-शिरोमणि अकाली दल व आम आदमी पार्टी होंगे आमने-सामने

-तीन दिन के सत्र में सरकार को पास करने हैं 12 बिल

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: इस बार पंजाब विधानसभा का शीतकालीन सत्र भले ही आकार में सबसे छोटा हो, लेकिन यह कई मायनों में अलग होने वाला है। इस सत्र में विपक्ष ही आपस में उलझेगा और सत्ता पक्ष शालीन 'दर्शक' की भूमिका में रहेगा। ड्रग्स मामले में आप विधायक और नेता विपक्ष सुखपाल खैहरा को समन जारी होना सत्र से पहले दिन सबसे बड़ा मुद्दा बन सकता है। इस मुद्दे पर अकाली दल कतई भी खैहरा को बख्शने के मूड में नहीं है। वहीं, अगर अकाली दल ने अपना पैंतरा बदला और किसान कर्ज माफी व पेंशन जैसे मुद्दे उठाए, तो सरकार ने इसके लिए 'जीएसटी' की ढाल तैयार कर ली है।

इन दिनों पंजाब की राजनीति भले ही खैहरा के इर्दगिर्द घूम रही हो, लेकिन कांग्रेस अच्छी तरह से जानती है कि अकाली दल कभी भी पैंतरा बदल सकता है। अकाली दल शीतकालीन सत्र में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कवायद करेगा। कर्ज माफी की घोषणा खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बजट सत्र के दौरान की थी। पांच माह बीत जाने के बावजूद किसानों के हाथ खाली हैं।

वहीं, अकाली दल किसान वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को उठाने से चूकने वाला नहीं है। अकाली दल की हिट लिस्ट पर भले ही खैहरा हों, लेकिन अगर किसानों का मुद्दा नहीं उठाया तो किसानों के बीच गलत संदेश जाएगा। वहीं, अकाली दल की इस नीति को ट्रेजरी बेंच भी भलीभांति समझ रहा है।

सरकार ने की पलटवार की तैयारी

सरकार ने पहले ही जीएसटी के मुद्दे को सरगर्म कर दिया है। सरकार ने इस बात की पूरी तैयारी कर ली है कि किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठते ही जीएसटी के मुद्दे को आगे कर दिया जाएगा। इसके तहत पंजाब सरकार को 3600 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से लेने हैं। चूंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है और अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन है, इसलिए सरकार जीएसटी के माध्यम से अकाली-भाजपा को बैकफुट पर लाने का प्रयास करेगी। अकाली दल को भी पता है कि किसान कर्ज माफी व पेंशन के मुद्दे पर न चाहते हुए भी आप को उनके साथ चलना पड़ेगा। चूंकि सत्र से पहले ही आप में बिखराव नजर आ रहा है। खैहरा को लेकर आप विधायक दो धड़ों में बंटे हुए हैं। इसलिए अकाली दल सदन में हावी होकर मुख्य विपक्ष की भूमिका निशाने की भी कोशिश करेगा। सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में पहले दिन श्रद्धांजलि देने के अलावा मात्र दो दिन का ही समय मिलेगा। सत्ता पक्ष को इस दौरान करीब एक दर्जन से ज्यादा बिल भी पास करवाने हैं।

जीएसटी पर सबसे पहले मनप्रीत ने दी थी बधाई: मजीठिया

यही कारण है कि अकाली विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया का कहा,'जीएसटी पर सबसे पहले बधाई वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने दी थी। आज वह उसे ही लेकर रो रहे हैं। कांग्रेस सदन में कुछ कहती है और बाहर कुछ और। कांग्रेस न सिर्फ सदन को गुमराह कर रही है, बल्कि लोगों को भी गुमराह कर रही है।'


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