ऐसे हालात क्यों बने जो मजदूर जा रहे वापस: बंसल
केंद्र सरकार ने जो 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज घोषित किया है उसे पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने चुनौती दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : केंद्र सरकार ने जो 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज घोषित किया है उसे पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने चुनौती दी है। उनका कहना है कि वह दावे से कह सकते हैं कि यह मुश्किल से तीन लाख करोड़ रुपये भी नहीं हैं। बंसल ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग से प्रेसवार्ता कर कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है। लोकतांत्रिक तरीके से फैसले नहीं लिए जा रहे। सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम से सिर्फ चुनिदा लोगों के पास पूरी व्यवस्था आ जाएगी जो कि पूरे देश को अपनी उंगली पर घुमाएंगे। बंसल का आरोप है कि सरकार भी उनके लिए ही काम कर रही है। उनका कहना है कि इस समय पूरे देश के लोग मायूस है। आत्मनिर्भर बनाने की बजाय उसके विपरीत काम हो रहा है। इस समय किसान और मजदूरों के कुछ सवाल हैं जिनका उन्हें जवाब नहीं मिल रहा है। बंसल ने तो सरकार को सलाह दी है कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अगर नई करंसी भी छापने की जरूरत पड़े तो इसे प्रिट किया जाए। प्रवासी लोग अपने राज्यों में पैदल जा रहे हैं। ऐसी अव्यवस्था ही क्यों आई जो उन्हें वापस जाना पड़ा। इसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
बंसल ने कहा कि कोरोना के कारण लॉकडाउन से पहले जो लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नजर आते थे, आज वह भी परेशान हैं। इसलिए ऐसे लोगों को भी नकदी सहायता की जरूरत है। अनुमानित 10 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में नहीं आते। लॉकडाउन के दौरान कोई आय न होने कारण, उनकी स्थिति दयनीय है। कई अपने परिवारों से दूर फंसे हुए हैं। कोई मदद न मिलने कारण उनके ऊपर भुखमरी मंडरा रही है।